सुप्रीम कोर्ट बोला- सरकारी कर्मचारियों को एसआईआर ड्यूटी निभानी होगी, राज्य सरकारों को निर्देश

5
Advertisement

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और अन्य राज्यों में वोटर्स लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारों या राज्य चुनाव आयोगों की तरफ से नियुक्त कर्मचारियों को एसआईआर की ड्यूटी निभानी होगी। भारत के चीफ जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि राज्य सरकार के कर्मचारी एसआईआर सहित दूसरे वैधानिक कामों को करने के लिए बाध्य हैं। राज्य सरकारों का भी कर्तव्य है कि वे के लिए चुनाव आयोग को कर्मचारी उपलब्ध कराएं। कोर्ट ने कहा कि अगर एसआईआर काम में लगे बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के पास काम का बोझ ज्यादा है, तो राज्यों को और स्टाफ को काम पर लगाना चाहिए। बेंच ने कहा- इससे बीएलओ के काम के घंटे कम करने में मदद मिलेगी और पहले से ही नियमित काम के अलावा एसआईआर कर रहे अधिकारियों पर दबाव कम होगा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट अभिनेता से नेता बने विजय की पार्टी- तमिलगा वेत्री कझगम की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। पार्टी ने बीएलओ के तौर पर अपनी ड्यूटी ठीक ढंग से न निभा पाने वाले लोगों के खिलाफ चुनाव आयोग की ओर से की जा रही कार्रवाई को चुनौती दी थी। पार्टी का कहना था कि ईसी काम के बोझ तले दबे बीएलओ के खिलाफ काम न कर पाने की स्थिति में जन प्रतिनिधि कानून की धारा 32 के तहत आपराधिक कार्रवाई कर रही है। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अब निर्देश जारी किए हैं।
 

यहां भी पढ़े:  पार्सल नियमों में रेलवे का बदलाव, छोटे व्यापारी भी कम पैसे में भेज सकेंगे अपना माल
Advertisement