हैदराबाद: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बॉन्डी बीच पर फायरिंग करने वाला शूटर साजिद अकरम मूल रूप से तेलंगाना के हैदराबाद का रहने वाला था. तेलंगाना पुलिस ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की. पुलिस ने एक बयान में कहा कि साजिद अकरम 1998 में ऑस्ट्रेलिया चला गया था.
तेलंगाना के DGP की तरफ से एक प्रेस नोट में कहा गया कि साजिद और उसका बेटा नवीद अकरम के कट्टरपंथी बनने के पीछे जो कारण थे, उनका भारत या तेलंगाना में किसी स्थानीय प्रभाव से कोई लेना-देना नहीं लगता है. पुलिस ने कहा कि 1998 में ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले भारत में रहने के दौरान साजिद अकरम के खिलाफ कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था. पुलिस ने बताया कि वह 27 वर्षों में सिर्फ छह बार भारत आया था.
तेलंगाना पुलिस का बयान
- रविवार, 14 दिसंबर, 2025 को सिडनी के बॉन्डी बीच पर, दो हमलावरों द्वारा हनुक्का उत्सव के दौरान की गई गोलीबारी में कथित तौर पर 15 पीड़ितों और दो हमलावरों में से एक की मौत हो गई. ऑस्ट्रेलियाई पुलिस/सरकार इस घटना को आतंकवादी हमला मान रही है. हमलावरों की पहचान साजिद अकरम (50 साल) और उसके बेटे नवीद अकरम (24 साल) के रूप में हुई है. रिपोर्टों से पता चलता है कि दोनों ISIS की विचारधारा से प्रेरित थे. इस संबंध में ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी आगे की जांच कर रहे हैं.
- साजिद अकरम मूल रूप से भारत के हैदराबाद के रहने वाला था. उसने हैदराबाद से B.Com की डिग्री पूरी की और लगभग 27 साल पहले, नवंबर 1998 में रोजगार की तलाश में ऑस्ट्रेलिया चला गया. बाद में उसने ऑस्ट्रेलिया में स्थायी रूप से बसने से पहले यूरोपीय मूल की महिला वेनेरा ग्रोसो से शादी कर ली. उनका एक बेटा नवीद (दो हमलावरों में से एक) और एक बेटी है. साजिद अकरम के पास आज भी भारतीय पासपोर्ट है और उसके बेटे नवीद अकरम और बेटी का जन्म ऑस्ट्रेलिया में हुआ था और वे ऑस्ट्रेलियाई नागरिक हैं.
- भारत में उनके रिश्तेदारों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले 27 सालों में साजिद अकरम का हैदराबाद में अपने परिवार से बहुत कम संपर्क था. ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद वह छह बार भारत आया, मुख्य रूप से पारिवारिक कारणों से जैसे संपत्ति के मामले और अपने बुजुर्ग माता-पिता से मिलने. ऐसा समझा जाता है कि वह अपने पिता की मृत्यु के समय भी भारत नहीं आया था.
- परिवार के सदस्यों ने उसकी कट्टरपंथी सोच या गतिविधियों, या उन परिस्थितियों के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया है जिनके कारण वह कट्टरपंथी बना.
- साजिद अकरम और उसके बेटे नवीद के कट्टरपंथी बनने के कारणों का भारत या तेलंगाना में किसी स्थानीय प्रभाव से कोई संबंध नहीं लगता है.
- साल 1998 में भारत छोड़ने से पहले भारत में रहने के दौरान साजिद अकरम के खिलाफ तेलंगाना पुलिस के पास कोई गलत रिकॉर्ड नहीं है.
बयान में कहा गया है कि तेलंगाना पुलिस केंद्रीय एजेंसियों और अन्य समकक्षों के साथ, जब भी जरूरत होगी, सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है, साथ ही जनता और मीडिया से सत्यापित तथ्यों के बिना अटकलें लगाने या आरोप लगाने से बचने का आग्रह करती है.
साजिद अकरम ने अपने बेटे नवीद के साथ 14 दिसंबर को सिडनी के बॉन्डी बीच पर निर्दोष लोगों पर फायरिंग की थी, जब यहूदी समुदाय के लोग त्योहार मनाने के जमा हुए थे. इस आतंकवादी कृत्य में 15 लोग मारे गए. पुलिस की क्रॉसफायरिंग में साजिद मारा गया. गोली लगने से घायल नवीद अस्पताल में भर्ती है. साजिद के पास भारतीय पासपोर्ट था, जबकि उसका बेटा ऑस्ट्रेलियाई नागरिक है.
ऑस्ट्रेलिया में स्थाई रूप से बसने से पहले साजिद ने यूरोपीय मूल की एक ईसाई महिला वेनेरा ग्रोसो से शादी की थी. नवीद के अलावा, उसकी एक बेटी भी है. बेटा और बेटी ऑस्ट्रेलियन नागरिक हैं.
साजिद अकरम के परिवार वालों ने मीडिया को बताया कि उन्होंने वर्षों पहले उससे रिश्ते तोड़ लिए थे "क्योंकि उसने एक ईसाई महिला से शादी की थी". साजिद पुराने हैदराबाद शहर का रहने वाला था. परिवारिक सूत्रों ने मीडिया को बताया कि साजिद पिछले 27 वर्षों में कम से कम तीन बार भारत आया था, आखिरी बार वह 2022 में आया था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साजिद ने बॉन्डी बीच पर आतंकी हमले से कुछ हफ्ते पहले फिलीपींस जाने के लिए भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल किया था. उसके नवीद ने विदेश यात्रा के ऑस्ट्रेलियाई यात्रा दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था.
































