असम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज औद्योगिक शहर नम्रूप में 11,000 करोड़ रुपये की नम्रूप उर्वरक परियोजना की आधारशिला रखेंगे। यह कार्यक्रम गुवाहाटी के नेचर-थीम वाले एयरपोर्ट टर्मिनल के हाई-प्रोफाइल उद्घाटन के एक दिन बाद हो रहा है। ऊपरी असम के इस औद्योगिक केंद्र में प्रधानमंत्री का यह कदम क्षेत्रीय औद्योगिक आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत संकेत माना जा रहा है।
इस अवसर पर असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी मौजूद रहेंगे। यह महत्वाकांक्षी परियोजना असम वैली फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा विकसित की जा रही है और इसे असम के इतिहास के सबसे बड़े औद्योगिक निवेशों में शामिल किया जा रहा है। इस परियोजना में असम सरकार की 40 प्रतिशत इक्विटी हिस्सेदारी है, जो राज्य की अब तक की सबसे बड़ी भागीदारी मानी जा रही है।
नम्रूप उर्वरक परियोजना को नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड, ऑयल इंडिया लिमिटेड और ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉर्पोरेशन लिमिटेड जैसे प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के सहयोग से आगे बढ़ाया जा रहा है। परियोजना के पूर्ण होने के बाद यहां सालाना 12.7 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन होगा। यह उत्पादन विशेष रूप से पूर्वोत्तर राज्यों की उर्वरक जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किया गया है, जिससे अन्य राज्यों पर निर्भरता कम होगी।
प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर व्यापक तैयारियां की गई हैं। उनके आगमन के लिए बनाए गए अस्थायी हेलीपैड का सफल परीक्षण हो चुका है। प्रशासन एक विशाल जनसभा की तैयारी में जुटा है, जिसमें अनुमानित 1.24 लाख से अधिक लोगों के शामिल होने की संभावना है।
कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के साथ-साथ नम्रूप उर्वरक परियोजना से हजारों रोजगार सृजित होने और असम के औद्योगिक ढांचे को नई गति मिलने की उम्मीद है।

































