मार्गशीर्ष त्रयोदशी पर भरणी नक्षत्र का दुर्लभ संयोग, कार्य सिद्धि के लिए दोपहर में बन रहा अमृत काल

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ज्योतिषीय गणना और पंचांग के अनुसार, बुधवार 03 दिसंबर 2025 का दिन आध्यात्मिक और कार्य सिद्धि की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के साथ इस दिन भरणी नक्षत्र और परिघा योग का एक दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो भक्तों और कार्य शुरू करने के इच्छुक लोगों के लिए विशेष ऊर्जा लेकर आया है। हालांकि, ज्योतिष के जानकारों ने कुछ समय सावधान रहने की भी सलाह दी है, क्योंकि इस दिन अत्यंत शुभ माने जाने वाला अभिजीत मुहूर्त अनुपस्थित रहेगा, जिसके कारण लोगों की उत्सुकता शुभ समय की सटीक जानकारी को लेकर बढ़ गई है।

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि दोपहर 12:26 बजे तक ही रहेगी, जिसके तुरंत बाद चतुर्दशी तिथि का आरंभ हो जाएगा। यह तिथि परिवर्तन दिन के मध्य में होने के कारण, शुभ कार्यों की योजना बनाने वालों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। ज्योतिष के अनुसार, भरणी नक्षत्र और परिघा योग का यह संयोग, विशेष रूप से ऊर्जा और संकल्प को मजबूत करने के लिए उत्तम माना जाता है।

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आध्यात्मिक साधना के लिए कल सुबह का समय अत्यंत विशेष रहने वाला है। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5:21 बजे से 6:09 बजे तक रहेगा। इस समय को ध्यान, जप और साधना के लिए सबसे उत्तम माना जाता है, जब प्रकृति शांत और सकारात्मक ऊर्जा से भरी होती है। जो भक्त अपने आध्यात्मिक पथ पर उन्नति करना चाहते हैं, उनके लिए यह समय किसी वरदान से कम नहीं है।

जिन लोगों को कोई महत्वपूर्ण कार्य शुरू करना है या किसी शुभ काम में सफलता प्राप्त करनी है, उनके लिए दोपहर में बनने वाला अमृत काल अत्यंत महत्वपूर्ण रहेगा। यह शुभ मुहूर्त दोपहर 1:45 PM से 3:10 PM तक रहेगा। चूंकि इस दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है, इसलिए अमृत काल का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। इस दौरान शुरू किए गए कार्यों में कार्य सिद्धि और सफलता मिलने की प्रबल संभावना रहती है।

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ग्रह-नक्षत्रों की चाल पर गौर करें तो सूर्य आज वृश्चिक राशि में स्थित हैं। चंद्रमा का गोचर भी कल महत्वपूर्ण रहेगा। चंद्रमा आज रात 11:14 बजे तक मेष राशि में रहेगा और उसके बाद वृषभ राशि में प्रवेश करेगा। वहीं, करणों में रात 2:14 AM से 12:26 PM तक तैतिल करण, उसके बाद रात 10:33 PM तक गर करण, और उसके बाद वणिज करण चलेगा, जो विभिन्न कार्यों के लिए अलग-अलग फलदायी रहेगा।

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हालांकि, शुभ समय के साथ ही अशुभ काल का भी ध्यान रखना आवश्यक है। कल दोपहर 12:07 बजे से 1:25 मिनट तक राहुकाल रहेगा, जिसमें कोई भी नया और महत्वपूर्ण कार्य शुरू करने से बचना चाहिए। इसके अतिरिक्त, यमगण्ड (8:16 AM – 9:36 AM) और कुलिक (10:56 AM – 12:16 PM) जैसे अशुभ समय भी रहेंगे, जिसमें यात्रा या बड़े वित्तीय लेन-देन से बचने की सलाह दी जाती है। दुर्मुहूर्त 11:55 AM से 12:37 PM तक रहेगा। पंचांग के इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए, बुधवार का दिन भक्तों को अपने आध्यात्मिक और सांसारिक कार्यों के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाने का अवसर देता है।

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