सनातन धर्म में खरमास का खास महत्व है. इस साल यह अवधि 16 दिसंबर 2025 से शुरू हो रही है जो 15 जनवरी 2026 तक रहेगी. इस दौरान किसी भी तरह के शुभ काम करने पर रोक लगायी जाती है. शास्त्रों के अनुसार इस अवधि में शुभ काम करने से बचना चाहिए. इस समय में किसी तरह की शादी-विवाह या फिर उपनयन, गृह प्रवेश या गृह आरंभ जैसे शुभ काम नहीं किए जाते हैं.
कोई भी अच्छा काम, कोई भी बड़ी खरीदारी इस दौरान अच्छी नहीं मानी जाती. ऐसा शास्त्र के विद्वानों का कहना है. इस पर जानकारी देते हुए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के उत्तर ज्योतिष विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. कुणाल कुमार झा ने क्या जानकारी दी, जानते हैं.
खरमास की अवधि
खरमास की अवधि 16 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक रहेगी. इस दौरान किसी भी तरह के शुभ काम नहीं किए जाएंगे, जैसे विवाह, उपनयन, दुरागमन, गृह प्रारंभ, गृह प्रवेश आदि. लोग इस दौरान कोई भी अच्छा काम नहीं करते और इन दिनों के खत्म होने का इंतजार करते हैं.
शुभ काम क्यों नहीं किए जाते?
शास्त्रों के अनुसार खरमास की अवधि में शुभ काम करने से बचना चाहिए. इस समय किए गए शुभ काम का फल नहीं मिलता है और इससे जीवन में परेशानियां आ सकती हैं. यही वजह है कि शास्त्रों में इस महीने में किसी भी तरह का शुभ काम करना रोक दिया जाता है. तो अब 16 दिसंबर 2025 से लेकर 15 जनवरी 2026 तक सभी तरह के मांगलिक कामों पर रोक लग गई है. फिर इस अवधि के खत्म होते ही सभी तरह के शुभ काम शुभ लगन के आधार पर शुरू होंगे. लोग मुर्हूत निकलवाकर फिर शुभ काम करेंगे.
कब से शुरू होंगे शुभ काम?
खरमास की अवधि 16 जनवरी 2026 तक रहेगी. इसके बाद 16 जनवरी 2026 से शुभ काम शुरू किए जा सकते हैं. माघ गुप्त नवरात्रि 19 जनवरी से शुरू होगी, लेकिन अशुद्ध समय 27 जनवरी तक रहेगा. 28 जनवरी के बाद शुद्ध आरंभ होगी, जिसके बाद विवाह आदि शुभ काम शुरू होंगे.
































