नई दिल्ली. देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो में हालिया परिचालन संकट के बीच सरकार ने कड़े कदम उठाते हुए यात्रियों को बड़ी राहत दी है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने रविवार को स्पष्ट किया कि एयरलाइन अब तक ₹610 करोड़ का रिफंड यात्रियों को जारी कर चुकी है और स्थिति को सामान्य बनाने के लिए सख्ती से निगरानी की जा रही है. मंत्रालय ने अचानक बढ़ी हवाई किरायों पर लगाम कसने के लिए तत्काल 'किराया सीमा' (Fair Cap) लागू की, जिसे कोविड अवधि के बाद सरकार का सबसे सीधा हस्तक्षेप माना जा रहा है. इस कदम से प्रभावित रूट्स पर टिकट की कीमतें अब स्वीकार्य स्तर पर लौट आई हैं, जिससे यात्रियों की जेब पर पड़ने वाला बोझ कम हुआ है.
विमानन मंत्रालय ने इंडिगो को सख्त समयसीमा देते हुए आदेश दिया है कि रद्द या अत्यधिक विलंबित उड़ानों का सारा रिफंड रविवार रात 8 बजे तक हर हाल में पूरा कर दिया जाए. एयरलाइन के सामान्य परिचालन में 2,300 उड़ानें होती हैं, लेकिन संकट के कारण 5 दिसंबर को यह संख्या घटकर 706 रह गई थी, जो अब बढ़कर रविवार तक लगभग 1,650 तक पहुंचने का अनुमान है. हालांकि, मंत्रालय ने यह भी जानकारी दी कि अन्य सभी घरेलू एयरलाइंस पूरी क्षमता के साथ सुचारू रूप से उड़ान भर रही हैं.
यात्रियों के वित्तीय नुकसान को रोकने के लिए सरकार ने एक और अहम निर्देश दिया है. रद्द उड़ानों के कारण यात्रा बदलने (री-शेड्यूलिंग) पर यात्रियों से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा. इसके लिए इंडिगो को विशेष सपोर्ट सेल बनाने पड़े हैं, जिनका काम रिफंड और रीबुकिंग को बिना किसी देरी के संभालना है. यह यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत है जो अचानक उड़ानें रद्द होने से उपजी अनिश्चितता से जूझ रहे थे.
सबसे बड़ी चिंता यात्रियों के छूटे हुए सामान (बैगेज) को लेकर थी, जिसे लेकर सरकार ने इंडिगो को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. मंत्रालय ने साफ कहा है कि उड़ान अव्यवस्था के दौरान यात्रियों से अलग हुए सभी बैग को 48 घंटे के भीतर खोजकर उन तक पहुंचाया जाए. एयरलाइन शनिवार तक 3,000 से अधिक बैग यात्रियों को सौंप चुकी है, लेकिन मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सभी यात्रियों के सामान वापस मिलने तक एयरलाइन उनसे लगातार संपर्क बनाए रखे.
दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद और गोवा जैसे प्रमुख एयरपोर्ट्स के निदेशकों ने बताया कि सभी टर्मिनलों पर परिचालन सामान्य है. चेक-इन, सिक्योरिटी और बोर्डिंग पर कोई असामान्य भीड़ नहीं देखी गई है. एयरपोर्ट ऑपरेटर्स और CISF की निगरानी बढ़ाई गई है ताकि यात्रियों को ऑन-ग्राउंड सहायता तुरंत मिल सके. स्थिति की रियल-टाइम निगरानी के लिए मंत्रालय का 24×7 कंट्रोल रूम सक्रिय है, जो उड़ान संचालन, एयरपोर्ट की स्थिति और यात्री शिकायतों पर पैनी नजर रख रहा है.
मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और सम्मान उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और भारत की एविएशन सेवाएं तेजी से सामान्य स्थिति की ओर लौट रही हैं. किराया सीमा, रिफंड टाइमलाइन और बैगेज से जुड़े नियम तब तक लागू रहेंगे, जब तक इंडिगो का संचालन पूरी तरह स्थिर नहीं हो जाता. केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने एयरलाइंस के साथ एक और समीक्षा बैठक की है और जल्द ही एक वर्चुअल बैठक आयोजित की जाएगी. मंत्रालय ने इंडिगो को यात्रियों को उड़ान रद्द होने की जानकारी समय पर देने का भी निर्देश दिया है.
इस परिचालन संकट का असर सिर्फ हवाई यात्रा तक सीमित नहीं रहा. राजस्थान का महत्वपूर्ण पर्यटन सीजन भी इसकी चपेट में आ गया है. उड़ानें रद्द होने और देरी होने से होटल, टैक्सी और टूर ऑपरेटरों को नुकसान हो रहा है, खासकर जयपुर, उदयपुर और जोधपुर में क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों की कई बुकिंग कैंसिल हो गई हैं. पर्यटन राजस्थान की अर्थव्यवस्था में लगभग 12% योगदान देता है, इसलिए यह नुकसान बड़ा माना जा रहा है. हालांकि, एक्सपर्ट्स को उम्मीद है कि जैसे ही उड़ानें पूरी तरह पटरी पर आएंगी, पर्यटन सेक्टर फिर से तेजी पकड़ लेगा.
































