पौष माह की 'सफला एकादशी' दिलाएगी भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की सहज कृपा!

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हिंदू धर्म में पौष माह को आध्यात्मिक और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना गया है। इसी माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली सफला एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस प्रकार नाम से स्पष्ट है, यह एकादशी व्रत जीवन में खुशहाली और सुख-समृद्धि लाने वाला माना जाता है, जिससे किए गए सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। यह व्रत विशेष रूप से भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित है, लेकिन इस दिन माता लक्ष्मी का भी पूजन करने से दोनों की सहज कृपा एक साथ प्राप्त होती है।

ज्योतिष और धार्मिक विद्वानों के अनुसार, सफला एकादशी की रात को किए गए कुछ विशेष उपाय घर-परिवार को धन-धान्य से परिपूर्ण करते हैं और जीवन के सभी कष्टों को दूर कर देते हैं।

कब है सफला एकादशी का व्रत?

इस वर्ष, पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत और समापन का समय इस प्रकार है:

  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 14 दिसंबर 2025 को रात 08 बजकर 46 मिनट पर।

  • एकादशी तिथि समाप्त: 15 दिसंबर 2025 को रात 10 बजकर 09 मिनट पर।

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उदयातिथि को महत्व देते हुए, सफला एकादशी का व्रत 15 दिसंबर 2025 को रखा जाएगा। इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त प्रातः काल से शुरू होकर सुबह 11 बजकर 08 मिनट तक रहेगा।

सफला एकादशी की रात को जरूर करें ये अचूक उपाय

यदि आप भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा से जीवन में धन, सुख और सफलता पाना चाहते हैं, तो सफला एकादशी की रात को ये उपाय अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं:

  1. तुलसी के सामने दीपक और परिक्रमा:

    • तुलसी माता को साक्षात देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है।

    • एकादशी की रात को तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाएं।

    • दीपक जलाने के बाद तुलसी के पौधे की 7 बार परिक्रमा करें।

    • लाभ: मान्यता है कि इससे मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती हैं और घर में स्थायी रूप से वास करती हैं।

  2. विष्णु सहस्रनाम का पाठ:

    • स्नान करके या हाथ-पैर धोकर पीले रंग के वस्त्र धारण करें।

    • भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं।

    • एकादशी की रात को विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।

    • लाभ: इस पाठ से सभी पापों का नाश होता है, भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और कारोबार में सफलता के द्वार खुलते हैं।

  3. पीपल के पेड़ की पूजा और दीपक:

    • पीपल के पेड़ में सभी देवताओं और पितरों का वास माना जाता है।

    • एकादशी की सुबह पीपल के पेड़ की जड़ में कच्चा दूध और जल चढ़ाएं।

    • शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।

    • लाभ: इस उपाय से कालसर्प दोष और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है, साथ ही कारोबार में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।

  4. व्यापार स्थल पर हल्दी का छिड़काव:

    • सफला एकादशी की रात को थोड़े से पानी में हल्दी मिलाएं।

    • इस हल्दी वाले जल को अपने कार्यक्षेत्र के मुख्य द्वार और तिजोरी पर छिड़कें।

    • लाभ: यह उपाय करने से धन लाभ के योग बनते हैं और भगवान नारायण की कृपा बनी रहती है।

  5. पीले वस्त्र और पीली मिठाई का भोग:

    • पीला रंग भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है।

    • पूजा के दौरान भगवान श्री कृष्ण (विष्णु स्वरूप) को पीले वस्त्र पहनाएं।

    • उन्हें पीली मिठाई (जैसे बेसन के लड्डू, पीले चावल आदि) का भोग लगाएं।

    • लाभ: इस सरल उपाय से कार्यक्षेत्र में लाभ और उन्नति के नए द्वार खुलते हैं।

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सफला एकादशी का यह व्रत भक्तों के लिए सफलता, समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है।

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