नया घर खरीदना हर इंसान के लिए लाइफ का सबसे बड़ा और इमोशनल मोमेंट होता है. लोग सालों तक पैसे सेव करते हैं, प्लानिंग करते हैं और फिर जाकर अपने सपनों का घर लेते हैं. लेकिन आजकल ज्यादातर लोग एक गलती कर देते हैं कि वे सिर्फ घर के लुक, बजट और लोकेशन पर फोकस करते हैं. जबकि घर की दिशा, उसकी एनर्जी और वास्तु का बैलेंस भी उतना ही जरूरी है. सही वास्तु न सिर्फ घर में पॉजिटिव वाइब्स बढ़ाता है, बल्कि हेल्थ, रिलेशनशिप, करियर और प्रॉस्पेरिटी पर भी सीधा असर डालता है. अगर घर का वास्तु अच्छा हो तो मां लक्ष्मी का वास लंबे समय तक बना रहता है और घर में सुख-शांति बढ़ती है. इसलिए अगर आप 2026 में नया घर खरीदने का प्लान कर रहे हैं, तो इन ट्रेंडिंग और आसान वास्तु टिप्स को जरूर फॉलो करें. इस बारे में बता रहे हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह.
मुख्य द्वार: पॉजिटिव एनर्जी का एंट्री पॉइंट
किसी भी घर का मेन गेट उसकी एनर्जी को सेट करता है. अगर मुख्य द्वार गलत दिशा में हो तो घर में नेगेटिविटी बढ़ सकती है. वास्तु के अनुसार घर का मुख्य दरवाजा पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) दिशा में होना शुभ माना जाता है. इन दिशाओं से पॉजिटिव एनर्जी तेजी से घर में एंटर होती है और घर में खुशियां, प्रॉस्पेरिटी और ग्रोथ बढ़ती है. दरवाजे की साफ-सफाई, अच्छी लाइटिंग और क्लटर-फ्री एरिया रखना भी बेहद जरूरी है.
रसोई: हेल्थ और एनर्जी का सबसे बड़ा सोर्स
रसोई को घर की हेल्थ एनर्जी का पावरहाउस माना जाता है. वास्तु के अनुसार किचन का लोकेशन दक्षिण-पूर्व यानी अग्नि कोण में होना चाहिए. अगर यह संभव न हो तो उत्तर-पश्चिम दिशा भी ठीक रहती है. गैस स्टोव को हमेशा इस तरह रखें कि कुकिंग करते समय आपका फेस पूर्व दिशा की तरफ हो. इससे घर में शांति और हेल्थ दोनों अच्छे बने रहते हैं.
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बेडरूम: रिलेशनशिप और मेंटल पीस पर असर
बेडरूम की सही दिशा पति-पत्नी के रिलेशन और मेंटल स्ट्रेस पर सीधा असर डालती है. दक्षिण-पश्चिम दिशा में बेडरूम होना सबसे शुभ माना जाता है. इससे रिलेशन स्ट्रॉन्ग रहते हैं और घर में स्टेबिलिटी आती है. बेड हमेशा दीवार से थोड़ा दूर रखना चाहिए और आईने को बेड के सामने नहीं रखना चाहिए. ये छोटी-छोटी चीजें भी वास्तु के हिसाब से बड़ा असर डालती हैं.
बाथरूम: नेगेटिव एनर्जी को कंट्रोल करने वाला स्पॉट
बाथरूम और टॉयलेट को हमेशा उत्तर-पश्चिम दिशा में बनाना शुभ माना जाता है. इससे घर में नेगेटिव एनर्जी का फ्लो कंट्रोल रहता है. बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रखना चाहिए और एग्जॉस्ट फैन का इस्तेमाल जरूरी है. गलत दिशा में बने बाथरूम से घर में अनचाही नेगेटिविटी बढ़ सकती है.
लिविंग रूम: घर का सोशल और एनर्जी सेंटर
लिविंग रूम घर की सबसे एक्टिव जगह होती है. यहां मेहमान आते हैं और फैमिली टाइम स्पेंड होता है. इसे पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना बेस्ट माना जाता है. इस दिशा में लिविंग रूम होने से एनर्जी फ्लो अच्छा रहता है और घर का माहौल खुशमिजाज बनता है.
मंदिर: घर का सबसे पवित्र कॉर्नर
नए घर में मंदिर के लिए उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण की दिशा सबसे शुभ है. यह दिशा आध्यात्मिक और पॉजिटिव एनर्जी से भरपूर मानी जाती है. मंदिर को हमेशा साफ-सुथरा और सिम्पल रखना चाहिए. ईशान कोण में मंदिर होने से घर में शांति, खुशहाली और दिव्यता बढ़ती है.
स्टोर रूम और स्टडी रूम पर भी ध्यान दें
स्टोर रूम को दक्षिण-पश्चिम या पश्चिम दिशा में रखना ठीक रहता है. इससे घर में स्टेबिलिटी बनी रहती है. स्टडी रूम के लिए उत्तर या पूर्व दिशा बेस्ट मानी जाती है. इससे बच्चों का फोकस बढ़ता है और पढ़ाई में अच्छे रिजल्ट आते हैं.
नया घर खरीदते समय इन बातों का भी रखें ध्यान
-घर में सीढ़ियां हमेशा दक्षिण या पश्चिम दिशा की तरफ होनी चाहिए.
-प्लॉट का शेप हमेशा स्क्वेयर या रेक्टेंगल होना शुभ माना जाता है.
-घर के बीचों-बीच भारी सामान या स्टोर रूम बनाना सही नहीं होता.
-पानी की टंकी उत्तर या उत्तर-पश्चिम दिशा में रखें.
-घर में क्लटर और टूटी हुई चीजें नहीं रखनी चाहिए.
































