वास्तु शास्त्र और पारंपरिक शगुन हमारे दैनिक जीवन की उन छोटी-छोटी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिनका सीधा प्रभाव हमारे भाग्य, स्वास्थ्य और संबंधों पर पड़ता है। अक्सर हम अनजाने में ऐसी गलतियाँ कर बैठते हैं जो घर की सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा को हानि पहुँचाती हैं। आइए जानते हैं ऐसे 27 महत्वपूर्ण नियम और उपाय, जो घर में शांति, समृद्धि और लक्ष्मी की कृपा बनाए रखने में सहायक सिद्ध होंगे।
सबसे पहले बात करते हैं घर के द्वार और साफ-सफाई की।
I. गृह व्यवस्था और सफाई से जुड़े नियम
-
1. घर के मुख्यद्वार के पास कभी भी कूड़ादान न रखें। इससे पड़ोसी शत्रु हो सकते हैं।
-
2. घर में कभी भी झाड़ू को खड़ा करके नहीं रखें। उसे पैर न लगाएँ और न ही उसके ऊपर से गुजरें। झाड़ू हमेशा छुपा कर रखें, अन्यथा घर में बरकत की कमी होती है।
-
3. बिस्तर पर बैठकर कभी खाना न खाएँ। ऐसा करने से धन की हानि होती है और घर में अशांति फैलती है।
-
4. घर में जूते-चप्पल इधर-उधर बिखेर कर या उल्टे सीधे करके नहीं रखने चाहिए। इससे घर में अशांति उत्पन्न होती है।
-
5. रात्रि को झूठे बर्तन कदापि न रखें। इसे पानी से निकाल कर रख सकते हैं, जिससे हानि से बचाव होगा।
-
6. घर में कभी भी जाले न लगने दें, वरना भाग्य और कर्म पर रुकावटें आने लगती हैं।
-
7. सप्ताह में एक बार ज़रूर समुद्री नमक अथवा सेंधा नमक से घर में पोछा लगाएँ। इससे नकारात्मक ऊर्जा हटती है।
II. धन, कर्ज मुक्ति और बरक्कत के लिए उपाय
-
8. माह में एक बार किसी भी दिन मिश्री युक्त खीर ज़रूर बनाकर, जब पूरा परिवार घर में इकट्ठा हो, एक साथ खाएँ। इससे माँ लक्ष्मी की जल्दी कृपा होती है।
-
9. माह में एक बार अपने कार्यालय में भी कुछ मिष्ठान ज़रूर ले जाएँ और उसे अपने साथियों या नौकरों के साथ मिलकर खाएँ, इससे धन लाभ होगा।
-
10. रात्रि में सोने से पहले रसोई में बाल्टी भरकर रखें। इससे कर्ज से शीघ्र मुक्ति मिलती है।
-
11. बाथरूम में बाल्टी भरकर रखेंगे, तो जीवन में उन्नति के मार्ग में बाधा नहीं आएगी।
-
12. सूर्यास्त के समय किसी को भी दूध, दही या प्याज माँगने पर न दें। इससे घर की बरक्कत समाप्त हो जाती है।
III. व्यक्तिगत और पारिवारिक संबंध
-
13. स्नान के बाद गीले या एक दिन पहले के प्रयोग किए गए तौलिये का प्रयोग न करें। रोज़ साफ सुथरा और सूखा तौलिया ही प्रयोग करें। इससे संतान हठी होने से बचती है।
-
14. छत पर कभी भी अनाज या बिस्तर न धोएं (सुखा सकते हैं)। इससे ससुराल से सम्बन्ध खराब होने लगते हैं।
-
15. यात्रा में पूरा परिवार एक साथ घर से न निकलें, आगे-पीछे जाएँ। इससे यश की वृद्धि होगी।
-
16. फल खूब खाएं, लेकिन उसके छिलके कूड़ादान में न डालें, बल्कि बाहर फेंकें। इससे मित्रों से लाभ होगा।
IV. पूजा और धार्मिक अनुष्ठान के नियम
-
17. घर में सुबह-सुबह कुछ देर के लिए भजन अवश्य लगाएं।
-
18. पूजा सुबह 6:00 से 8:00 बजे के बीच भूमि पर आसन बिछा कर पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके बैठ कर करनी चाहिए। पूजा का आसन जुट या कुश का उत्तम होता है।
-
19. पहली रोटी गाय के लिए निकालें। इससे देवता भी खुश होते हैं और पितरों को भी शांति मिलती है।
-
20. पूजा घर में सदैव जल का एक कलश भरकर रखें, जो जितना संभव हो ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) के हिस्से में हो।
-
21. आरती, दीप, पूजा अग्नि जैसे पवित्रता के प्रतीक साधनों को मुंह से फूंक मारकर नहीं बुझाएं।
-
22. मंदिर में धूप, अगरबत्ती व हवन कुंड की सामग्री दक्षिण-पूर्व (आग्नेय कोण) में रखें।
-
23. कोशिश करें की सुबह के प्रकाश की किरणें आपके पूजा घर में ज़रूर पहुँचे सबसे पहले।
-
24. पूजा घर में अगर कोई प्रतिष्ठित मूर्ती है तो उसकी पूजा हर रोज निश्चित रूप से हो, ऐसी व्यवस्था करें।
-
25. घर के मुख्य द्वार पर दायीं तरफ स्वास्तिक बनाएं।
V. दिन विशेष के आहार नियम
-
26. बृहस्पतिवार के दिन घर में कोई भी पीली वस्तु अवश्य खाएं, हरी वस्तु ना खाएं।
-
27. बुधवार के दिन हरी वस्तु खाएं, लेकिन पीली वस्तु बिलकुल ना खाएं। इन नियमों से सुख समृद्धि बढ़ेगी।

































