मेक्सिको सिटी.दुनिया के कई देशों में इस साल 'जेनरेशन ज़ेड विरोध प्रदर्शन' की लहर के बाद, अब इसकी गूँज मेक्सिको में भी सुनाई दे रही है। शनिवार (15 नवंबर) को देश के कई शहरों में सरकार के विरोध में हज़ारों लोगों ने रैली निकाली, जिससे पूरे देश में तनाव फैल गया। मेक्सिको सिटी में ये प्रदर्शन हिंसक हो उठे, जहाँ प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़पों में पुलिस अधिकारियों सहित लगभग 100 लोग घायल हो गए।
मेक्सिको सिटी में, बड़ी संख्या में नकाबपोश प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम के आधिकारिक निवास, नेशनल पैलेस, के पास जमा हुए और उन्होंने वहाँ लगाई गई कुछ बाड़ें (Fences) तोड़ डालीं। हिंसक प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके, जिसके जवाब में सुरक्षा बलों ने सख्ती से मोर्चा संभाला। इन हिंसक झड़पों की तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें लोगों को पुलिस पर पत्थर फेंकते देखा जा सकता है। इन घटनाओं ने देश की नई सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है, जिसने हाल ही में सत्ता संभाली है।
विरोध प्रदर्शन का मूल कारण क्या?
मेक्सिको में अचानक भड़के इन विरोध प्रदर्शनों का मुख्य कारण क्या है, इस पर अभी भी बहस जारी है। हालाँकि, यह स्पष्ट है कि विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व मुख्य रूप से युवा वर्ग यानी जेनरेशन ज़ेड के लोग कर रहे हैं, जो देश के मौजूदा राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य से असंतुष्ट हैं। विश्वभर में जेनरेशन ज़ेड के प्रदर्शनों की विशेषता रही है कि वे पारंपरिक राजनीतिक दलों या यूनियनों से बंधे नहीं होते, बल्कि सोशल मीडिया के माध्यम से संगठित होते हैं और तत्काल मुद्दों पर अपनी आवाज़ उठाते हैं। मेक्सिको में भी ये युवा प्रदर्शनकारी व्यापक भ्रष्टाचार, रोज़गार के सीमित अवसर और बढ़ती हुई सामाजिक असमानता जैसे दीर्घकालिक मुद्दों पर अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं।
इसके अलावा, कुछ रिपोर्टों से पता चलता है कि यह विरोध प्रदर्शन राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम की सरकार द्वारा हाल ही में लाए गए कुछ विवादास्पद नीतिगत बदलावों और पूर्व राष्ट्रपति लोपेज़ ओब्रेडोर (AMLO) की नीतियों के कथित विस्तार के प्रति भी असंतोष दिखाता है। यह युवा वर्ग, जो पिछली सरकारों से असंतुष्ट रहा है, अब शीनबाम के नेतृत्व से भी जल्द और निर्णायक बदलाव की उम्मीद कर रहा है। जब उनकी उम्मीदें पूरी नहीं हो रही हैं, तो वे सड़कों पर उतर आए हैं।
राष्ट्रपति शीनबाम का 'विदेशी फंडिंग' का दावा
इन प्रदर्शनों की प्रतिक्रिया में, मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शीनबाम ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा है कि विभिन्न शहरों में हुए ये प्रदर्शन उनके राजनीतिक दल का विरोध करने वाले दक्षिणपंथी नेताओं द्वारा प्रायोजित (Funded) थे। राष्ट्रपति शीनबाम ने इन प्रदर्शनों को सरकार को अस्थिर करने का एक राजनीतिक प्रयास करार दिया है। उनका दावा है कि इन विरोधों के पीछे देश की मुख्यधारा की राजनीति में सक्रिय दक्षिणपंथी ताकतों का हाथ है, जो उनकी वामपंथी सरकार के सुधारों को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
राष्ट्रपति के इस दावे ने राजनीतिक गलियारों में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। सरकार समर्थक मीडिया इन प्रदर्शनों को "विदेशी हस्तक्षेप" और "राजनीतिक साज़िश" के रूप में चित्रित कर रहा है, जबकि प्रदर्शनकारी इस दावे को सिरे से खारिज कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारी क्या कह रहे हैं?
राष्ट्रपति शीनबाम के दावों के विपरीत, प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को विशुद्ध रूप से सामाजिक और नागरिक समस्याओं से प्रेरित बता रहे हैं। उनका कहना है कि वे किसी राजनीतिक दल या दक्षिणपंथी नेता के इशारे पर काम नहीं कर रहे हैं, बल्कि वे उस व्यवस्था से निराश हैं जो उनके भविष्य को सुरक्षित नहीं कर पा रही है।
प्रदर्शनकारियों के पोस्टर और नारे देश में व्याप्त हिंसा, विशेषकर महिला हिंसा (फेमीसाइड), के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा, वे देश की उच्च शिक्षण प्रणाली में सुधार, जलवायु परिवर्तन पर अधिक निर्णायक सरकारी रुख और उन आर्थिक नीतियों की मांग कर रहे हैं जो केवल अमीरों को ही नहीं, बल्कि आम नागरिकों को भी लाभ पहुँचाएँ। प्रदर्शनकारी लगातार यह दोहरा रहे हैं कि उनका आंदोलन स्वतःस्फूर्त है और वे अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए लोकतांत्रिक तरीके से विरोध कर रहे हैं।
मेक्सिको सिटी के अलावा, देश के गुआडालाजारा और मोंटेरे जैसे अन्य प्रमुख शहरों में भी इसी तरह के छोटे लेकिन महत्वपूर्ण प्रदर्शन देखे गए, जो देशव्यापी असंतोष की ओर इशारा करते हैं। इन प्रदर्शनों ने न केवल मेक्सिको की आंतरिक राजनीति में उथल-पुथल मचा दी है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि कैसे 'जेनरेशन ज़ेड' अब वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक बदलावों को प्रभावित करने वाली एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में उभर रहा है।

































