अनिल मिश्र/ पटना
बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के करीबी रहकर पार्टी में सलाहकार की भूमिका निभाने वाले राज्यसभा सांसद संजय यादव सहित कई लोगों पर आने वाले समय में गाज गिर सकती है और नहीं तो इसके कारण आने वाले समय में पार्टी को बहुत बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है. सबसे पहले तेज प्रताप यादव और उसके बाद तेजस्वी यादव की बहन और लालू प्रसाद यादव जी को किडनी दान देने वाली रोहिणी आचार्य इस बाबत बाजाप्ता मीडिया के सामने मुखर होकर इन लोगों के कारण पार्टी को बहुत बड़ा हार का श्रेय दिया गया है.
उसके बाद आज बिहार की राजधानी पटना में राष्ट्रीय जनता दल के कार्यालय के बाहर राजद के कुछ कार्यकर्ताओं ने राज्यसभा सांसद संजय यादव और सुनील सिंह का पुतला फूंका. पार्टी के पांच दर्जन से अधिक कार्यकर्ता विधानसभा चुनाव में मिली करार हार का ठीकरा इन्हीं दोनों नेताओं पर फोड़ा. इन राष्ट्रीय जनता दल के प्रदर्शनकारी कार्यकर्ताओं का कहना था कि इन दोनों ने पार्टी नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को गलत सलाह दी, गुमराह किया और आम कार्यकर्ताओं से दूर रखा. इसी कारण ही पार्टी को चुनाव में शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा.इस बीच राष्ट्रीय जनता दल के कार्यकर्ताओं की नाराजगी ऐसे समय खुलकर सामने आई है.
जब लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के साथ कथित दुर्व्यवहार को लेकर पार्टी में नाराजगी पहले से है. रोहिणी ने राजनीति और परिवार से नाता तोड़ने के लिए तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव और रमीज नेमत पर आरोप लगाए थे. और कहा था कि पार्टी की हार कारण पूछने पर गाली दी जाती है, और चप्पल दिखाई जाती है. जो चाणक्य बन रहे थे, तो हार का कारण भी चाणक्यों से ही पूछा जाएगा.अब आने वाले समय ही बताएगा कि तेजस्वी यादव इन लोगों को अपने से किनारा करते हैं अथवा पार्टी के कार्यकर्ताओं राष्ट्रीय जनता दल को छोड़कर कहीं दूसरे जगह की संभावना देखते हैं.






