चंडीगढ़ इंजीनियरिंग पढ़ने गया यह कलाकार पंजाबी संगीत में डूबकर लौटा, आज 124 करोड़ की संपत्ति का मालिक

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भारतीय रैप और पॉप संगीत के बदलते परिदृश्य में कई कलाकार आए और गए, कई नाम उभरे और कई फीके पड़ गए, लेकिन कुछ कलाकार ऐसे हैं जिन्होंने इस दुनिया को तब भी आकार दिया जब यह मुख्यधारा के दर्शकों के बीच उतना लोकप्रिय नहीं था। आरडीबी, डॉ. ज़ीउस, यो यो हनी सिंह और रफ्तार जैसे कलाकारों की फेहरिस्त में एक और नाम वर्षों से मजबूती से खड़ा है—आदित्य प्रतीक सिंह, जिन्हें दुनिया बादशाह के नाम से जानती है। दिल्ली में जन्मे यह कलाकार आज भारतीय संगीत उद्योग के सबसे सफल नामों में शुमार होते हैं और रिपोर्ट्स के अनुसार उनकी कुल संपत्ति करीब 124–125 करोड़ रुपये आंकी जाती है।

लेकिन यह सफर न तो आसान था और न ही पहले से तय। बचपन में संगीत का सपना उनके लिए किसी दूर के तारे जैसा था—सुंदर लेकिन पहुंच से बाहर। परिवार और समाज की अपेक्षाएँ भी ऐसी थीं कि एक स्थिर और सम्मानित करियर ही चुना जाए। इसीलिए पितमपुरा के इस युवा ने अपनी पढ़ाई पूरी की, सेंट स्टीफंस कॉलेज, दिल्ली में दाख़िला लिया और एक साधारण, सुरक्षित जीवन की राह पकड़ ली। लेकिन किस्मत के पास उनके लिए कुछ और ही योजनाएँ थीं।

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सेंट स्टीफंस में सिर्फ एक सप्ताह बिताने के बाद उन्होंने वह कदम उठाया जिसने उनकी ज़िंदगी हमेशा के लिए बदल दी। बादशाह ने कॉलेज छोड़कर चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला ले लिया। नाम भले ही इंजीनियरिंग कॉलेज का था, लेकिन असली शिक्षा यहाँ किसी और ही दिशा में मिली। चंडीगढ़ की हवा, वहां का माहौल और सबसे बढ़कर—वहां की धड़कती पंजाबी संगीत संस्कृति ने उन्हें भीतर तक प्रभावित किया। यह शहर उनकी आत्मा में कुछ नया जगाने लगा, एक ऐसी दुनिया का दरवाज़ा खोलने लगा जो उन्होंने पहले सिर्फ कल्पना में देखी थी।

इसी दौरान उन्होंने गंभीरता से संगीत को अपना भविष्य मानना शुरू किया। लेकिन परिवार को मनाना आसान नहीं था। इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में छोड़कर संगीत को चुनना पारंपरिक सोच रखने वाले मध्यवर्गीय परिवार के लिए स्वीकार्य नहीं था। तब उन्होंने 50 Cent के म्यूज़िक वीडियोज़ का सहारा लिया—यह दिखाने के लिए कि संगीत भी एक गंभीर और सफल करियर बन सकता है। उनके अंदर की जिद, हुनर और आत्मविश्वास ने धीरे-धीरे उनके परिवार को भी यह समझा दिया कि यह लड़का सिर्फ सपने नहीं देख रहा, बल्कि उन्हें साकार करने की क्षमता रखता है।

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चंडीगढ़ में बिताए गए यह साल उनके लिए केवल संगीत की पढ़ाई नहीं थे—यह वह दौर था जब उन्होंने अपनी पहचान, अपने स्टाइल और अपने रास्ते को गढ़ना शुरू किया। पंजाबी संगीत की तासीर, उसकी धुनें, बोल और ऊर्जा ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि वे पूरी तरह इसी शैली में ढलने लगे। उन्होंने लिखना शुरू किया, रैप की बारीकियाँ सीखीं, और संगीत की दुनिया के अलग-अलग रंगों को अपने तरीके से समझा। धीरे-धीरे उन्होंने महसूस किया कि यह वही रास्ता है, जिस पर उनका दिल सबसे ज्यादा सहज महसूस करता है।

समय के साथ उन्होंने इंडस्ट्री में कदम रखना शुरू किया और उनके शुरुआती काम ने ही श्रोताओं का ध्यान खींच लिया। फिर आया वह दौर जब उन्होंने हिट गानों पर हिट देने शुरू किए—ऐसे गाने जो न सिर्फ चार्टबस्टर बने, बल्कि पार्टियों, क्लबों और हर खुशी के मौके का हिस्सा भी। उनकी बीट्स, उनकी रिदम और उनका अनोखा अंदाज़ जल्द ही उन्हें बाकी कलाकारों से अलग खड़ा करने लगा। उन्होंने भारतीय संगीत उद्योग को ग्लैमर, ऊर्जा और एक नई पहचान दी।

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आज बादशाह सिर्फ एक लोकप्रिय कलाकार नहीं, बल्कि एक ब्रांड बन चुके हैं। उनके गाने यूट्यूब पर करोड़ों व्यूज़ बटोरते हैं, उनके कॉन्सर्ट भरे रहते हैं और उनका स्टाइल ट्रेंड सेट करता है। संगीत की दुनिया में जिस तरह का नाम, पहचान और सफलता उन्होंने हासिल की है, वह इस बात का प्रमाण है कि अगर किसी के भीतर दृढ़ इच्छाशक्ति हो, तो वह किसी भी परंपरागत राह को बदलकर अपनी खुद की मंज़िल पा सकता है।

दिल्ली का वह लड़का, जो कभी इंजीनियर बनने की राह पर था, आज भारतीय संगीत का बादशाह बन चुका है। 125 करोड़ रुपये की नेटवर्थ, वैश्विक पहचान, अनगिनत हिट गाने और लाखों प्रशंसक—यह सब उस मेहनत, लगन और जुनून का परिणाम है जो उन्होंने वर्षों से अपने भीतर संजोकर रखा था। चंडीगढ़ की गलियों से लेकर विश्व के बड़े मंचों तक की यह यात्रा सिर्फ सफलता की कहानी नहीं, बल्कि प्रेरणा की मिसाल है।

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