कोलकाता. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की रणभूमि पहले ही गर्म है, लेकिन कूच बिहार जिले के मथाभंगा इलाके में गुरुवार सुबह हुई दोहरी हत्या ने राजनीतिक तापमान और भी बढ़ा दिया है। इस मामले ने न केवल स्थानीय लोगों को सकते में डाल दिया है, बल्कि राज्य के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों में नई सियासी बहस भी छेड़ दी है। घटना के केंद्र में मानव सरकार और उनके बेटे यादव सरकार हैं, जिनकी मौके पर ही हत्या कर दी गई और सरकार परिवार के छह अन्य सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
हिंदुस्तान के इस छोटे शहर में गुरुवार सुबह हजराहट इलाके में जो कुछ हुआ, उसे लेकर पूरे इलाके में दहशत का माहौल रहा। स्थानीय लोगों के अनुसार, सिकदर परिवार के सदस्यों ने सरकारी धारदार हथियारों से हमला कर दिया। हमला इतना तीव्र था कि मानव सरकार और यादव सरकार की मौत मौके पर ही हो गई। घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी गंभीर स्थिति ने सभी को सकते में डाल दिया। घटना के बाद पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया और जांच शुरू कर दी।
इस हिंसक घटना के बाद राज्य के नेता प्रतिपक्ष शुवेंदु अधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर TMC पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने इसे कोई साधारण विवाद नहीं बल्कि सुनियोजित राजनीतिक हत्या बताया। शुवेंदु अधिकारी ने कहा, "यह हत्या तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा की गई है। मृतक मानव सरकार भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता थे और वह उस क्षेत्र में भाजपा युवा मोर्चा के मंडल उपाध्यक्ष भी थे।" उन्होंने मानव सरकार और यादव सरकार के भाजपा सदस्यता पंजीयन नंबर भी पत्रकारों को दिखाए।
शुवेंदु अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस और राज्य सरकार इस मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही घटना का पता चला, वे पीड़ित परिवार से मिलने गए, लेकिन पूरे इलाके को पुलिस ने घेर लिया और नेताओं को परिवार से मिलने नहीं दिया गया। अधिकारी का कहना था कि सच को छुपाने की कोशिश की जा रही है और राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है।
घटना को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया। शुवेंदु अधिकारी ने मीडिया के सामने दावा किया कि मृतक मानव सरकार भाजपा के सक्रिय सदस्य थे और उनकी हत्या का मकसद राजनीतिक दबदबा बढ़ाना था। वहीं, मृतक यादव सरकार के बहनोई बिजय सरकार ने इसे प्रेम संबंध से जुड़े विवाद के रूप में पेश किया। उन्होंने कहा कि यादव सरकार का सिकदर परिवार की बेटी से प्रेम संबंध था और बुधवार को दोनों के मिलने के बाद तनाव पैदा हुआ, जो गुरुवार सुबह हिंसा में बदल गया।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, घटना के समय पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई थी। लोग घरों और दुकानों में छिप गए और कुछ लोग तो पुलिस और मीडिया के आने से पहले ही वहां से दूर चले गए। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने पूरे इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी और घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस भेजी। अस्पताल में भर्ती लोगों की गंभीर स्थिति ने भी प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करने पर मजबूर किया।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कूच बिहार की यह घटना विधानसभा चुनाव से पहले दोनों प्रमुख दलों—TMC और BJP—के बीच सियासी तनाव को और बढ़ा सकती है। अगर विपक्ष के आरोप सही साबित होते हैं, तो यह TMC के लिए चुनावी मोर्चे पर बड़ा झटका हो सकता है। वहीं, सत्ता पक्ष इसे किसी व्यक्तिगत या पारिवारिक विवाद के रूप में पेश कर अपनी राजनीतिक छवि को बचाने की कोशिश कर सकता है।
सोशल मीडिया पर भी यह घटना तेजी से चर्चा का विषय बन गई है। स्थानीय लोगों ने घटना के वीडियो और तस्वीरें साझा की हैं, जिनमें हमले के बाद का दृश्य दिखाई दे रहा है। लोग इस घटना पर अपनी चिंता और प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं। कई लोग इस हिंसा को चुनावी दबाव और राजनीतिक खेल के हिस्से के रूप में देख रहे हैं, जबकि कुछ इसे व्यक्तिगत और पारिवारिक विवाद के रूप में समझ रहे हैं।
राज्य सरकार की ओर से फिलहाल इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि हमले में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है और जल्द ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही इलाके में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है ताकि कोई और अप्रिय घटना न घटे।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह हत्या पश्चिम बंगाल के राजनीतिक माहौल को और भड़का सकती है। विधानसभा चुनाव से पहले हिंसा और हत्या की घटनाएं पार्टियों के चुनावी रणनीति पर भी असर डाल सकती हैं। ऐसे में कूच बिहार की यह घटना केवल स्थानीय स्तर की हिंसा नहीं, बल्कि राज्य की राजनीति में बड़ा सवालिया निशान भी खड़ा कर रही है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया भी मिली-जुली है। कुछ का कहना है कि यह पूरी घटना राजनीतिक हत्या की तरह प्रतीत होती है और इसके पीछे सत्ता पक्ष के लोग शामिल हो सकते हैं। वहीं, कुछ लोग इसे व्यक्तिगत विवाद का मामला मानते हुए ज्यादा सियासी रंग नहीं देना चाहते। लेकिन किसी भी तरह, इस घटना ने पूरे इलाके में डर और चिंता का माहौल बना दिया है।
घटना के बाद प्रशासन ने पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने और घायलों का इलाज सुनिश्चित करने की बात कही है। पुलिस ने कहा कि जांच जारी है और आरोपियों की पहचान के बाद उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। लेकिन राजनीतिक नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों ने इसे साधारण हिंसा की घटना से ऊपर उठाकर चुनावी बहस का विषय बना दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि चुनाव के समय राजनीतिक हिंसा और हत्याएं अक्सर रणनीतिक हथियार बन जाती हैं। कूच बिहार की यह घटना भी चुनावी सियासत में नया मोड़ ला सकती है। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों इसे अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, जिससे स्थिति और संवेदनशील बन जाएगी।
कुल मिलाकर, गुरुवार सुबह कूच बिहार के मथाभंगा में हुई दोहरी हत्या ने न केवल स्थानीय लोगों को सकते में डाल दिया है, बल्कि राज्य की राजनीति में नया तूफान भी खड़ा कर दिया है। शुवेंदु अधिकारी के आरोप, परिवार की कहानी, पुलिस की प्रतिक्रिया और सोशल मीडिया पर वायरल हुई प्रतिक्रिया सभी मिलकर इसे विधानसभा चुनाव से पहले एक संवेदनशील और गर्म मुद्दा बना रही हैं। इस मामले में आगे की जांच और राजनीतिक प्रतिक्रियाओं पर पूरा राज्य नजर बनाए हुए है, क्योंकि यह घटना पश्चिम बंगाल की राजनीतिक दिशा और चुनावी नतीजों को भी प्रभावित कर सकती है।

































