क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में पिछले कुछ घंटों से एक अजीब सा सन्नाटा पसरा हुआ था, जहां दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल करेंसी बिटकॉइन लगभग 88,600 डॉलर के आसपास अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रही थी। लेकिन इस शांत समंदर के नीचे एक जबरदस्त हलचल मच रही थी, जिसने आज प्री-मार्केट ट्रेडिंग के दौरान पूरी दुनिया के निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। आमतौर पर यह देखा जाता है कि जब बिटकॉइन की कीमतें स्थिर रहती हैं या उनमें सुस्ती आती है, तो उससे जुड़ी कंपनियां भी सुस्त पड़ जाती हैं, लेकिन इस बार कहानी बिल्कुल उलट नजर आ रही है। बिटकॉइन माइनिंग सेक्टर से जुड़ी दिग्गज कंपनियों के शेयरों ने शुक्रवार को प्री-मार्केट सत्र में ऐसी छलांग लगाई है कि बाजार के पंडित भी हैरान हैं। हर किसी के मन में यह सवाल कौंध रहा है कि जब खुद बिटकॉइन में कोई बड़ी तेजी नहीं दिख रही, तो इसे 'माइन' करने वाली कंपनियों के प्रति निवेशकों का भरोसा अचानक इतना कैसे बढ़ गया?
इस रहस्यमयी तेजी के पीछे की परतों को अगर उधेड़ा जाए, तो समझ आता है कि अब खेल सिर्फ डिजिटल सिक्कों की खुदाई तक सीमित नहीं रह गया है। माइनिंग कंपनियों ने अपनी रणनीति में एक ऐसा बड़ा बदलाव किया है, जो उन्हें सीधे भविष्य की सबसे बड़ी तकनीक यानी 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' (AI) और हाई-परफॉरमेंस कंप्यूटिंग (HPC) से जोड़ रहा है। बाजार में चर्चा है कि ये कंपनियां अब केवल बिटकॉइन के भरोसे नहीं हैं, बल्कि वे अपने विशाल डेटा सेंटर्स का इस्तेमाल एआई की भारी-भरकम प्रोसेसिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए करने लगी हैं। यही वजह है कि माराथन डिजिटल होल्डिंग्स (MARA) जैसी बड़ी कंपनियां, जो पूरी तरह से बिटकॉइन माइनिंग पर केंद्रित थीं, अब निवेशकों के लिए नए आकर्षण का केंद्र बन गई हैं। हालांकि विश्लेषकों ने इनके टारगेट प्राइस में कुछ कटौती की है, लेकिन 'बाय' रेटिंग बरकरार रखकर यह संकेत दिया है कि इन कंपनियों का भविष्य अब बिजली की खपत से कहीं ज्यादा उनकी तकनीकी क्षमता पर निर्भर करेगा।
बाजार की इस दौड़ में 'रायट प्लेटफॉर्म्स' (RIOT) और 'कोर साइंटिफिक' (CORZ) जैसी कंपनियों ने भी अपनी मजबूती दर्ज कराई है। दिलचस्प बात यह है कि सोशल मीडिया और स्टॉक मार्केट प्लेटफॉर्म्स पर छोटे निवेशकों के बीच इन कंपनियों को लेकर अभी भी डर और संशय का माहौल बना हुआ है, जिसे बाजार की भाषा में 'एक्सट्रीमली बियरिश' कहा जा रहा है। लेकिन इस डर के बावजूद बड़े फंड हाउस और संस्थागत निवेशक इन शेयरों को चुपके से उठा रहे हैं। यह एक ऐसा विरोधाभास है जो अक्सर किसी बड़े तूफान से पहले की शांति की तरह देखा जाता है। जब आम जनता किसी चीज को लेकर डरी होती है, तभी चतुर निवेशक वहां अवसर तलाशते हैं। बिटफार्म्स (BITF) का उदाहरण तो और भी चौंकाने वाला है, जिसे कनाडा के प्रतिष्ठित टीएसएक्स कंपोजिट इंडेक्स में शामिल कर लिया गया है। इस एक कदम ने कंपनी की साख में चार चांद लगा दिए हैं और यह साबित कर दिया है कि क्रिप्टो माइनिंग अब कोई गली-मोहल्ले का धंधा नहीं, बल्कि मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था का हिस्सा बन चुका है।
पूरी दुनिया में इस समय तकनीकी होड़ मची हुई है और एआई डेटा सेंटर्स की मांग आसमान छू रही है। माइनिंग कंपनियों के पास पहले से ही वो बुनियादी ढांचा और बिजली के कनेक्शन मौजूद हैं, जो एआई के लिए जरूरी हैं। यही वह 'सीक्रेट सॉस' है जिसने आज बिटकॉइन की सुस्त चाल के बावजूद माइनिंग स्टॉक्स में जान फूंक दी है। निवेशकों के बीच जिज्ञासा इस बात को लेकर भी है कि क्या बिटकॉइन का हालिया पुलबैक केवल एक अस्थायी पड़ाव है या फिर आने वाले दिनों में कोई बड़ा क्रैश होने वाला है। लेकिन माइनिंग कंपनियों ने खुद को एआई से जोड़कर इस जोखिम को काफी हद तक कम कर लिया है। क्लीनस्पार्क (CLSK) जैसी कंपनियां ऊर्जा दक्षता पर ध्यान दे रही हैं, जो आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है।
जैसे-जैसे दिन ढल रहा है और वैश्विक बाजारों के खुलने का समय करीब आ रहा है, यह हलचल और भी तेज होती जा रही है। क्या यह तेजी केवल आज के लिए है या फिर हम क्रिप्टो माइनिंग कंपनियों के एक नए स्वर्ण युग की शुरुआत देख रहे हैं? जिस तरह से इन कंपनियों ने अपनी सप्लाई चेन और रेवेन्यू मॉडल को बदला है, उससे यह साफ है कि वे अब केवल किस्मत और बिटकॉइन की कीमत के भरोसे नहीं बैठी हैं। वे अब डेटा की दुनिया की नई पावर हाउस बन रही हैं। इस पूरी घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भविष्य में केवल वही खिलाड़ी टिक पाएंगे जो समय के साथ खुद को बदलने की हिम्मत रखते हैं। फिलहाल, पूरी दुनिया की निगाहें न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और नैस्डैक की ओपनिंग बेल पर टिकी हैं, जहाँ ये माइनिंग कंपनियां अपनी नई पहचान के साथ इतिहास रचने को तैयार खड़ी हैं। जनता के लिए यह केवल शेयरों के उतार-चढ़ाव की बात हो सकती है, लेकिन बाजार के जानकारों के लिए यह एक बहुत बड़े तकनीकी बदलाव का शंखनाद है।






























