बनारस के दशाश्वमेध घाट के तर्ज पर बना नवापुर घाट पर विजिटर रूम, इन कार्यों के लिए होगा यूज

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गाजीपुर के साईं मंदिर नवापुर घाट पर बना नया विजिटर रूम अब पूरी तरह तैयार हो चुका है. इसके बनते ही घाट पर आने वाले श्रद्धालुओं और आम लोगों की संख्या में साफ़ बढ़ोतरी देखी जा रही है. यह विजिटर रूम खास तौर पर धार्मिक आयोजनों, सामाजिक कार्यक्रमों और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाया गया है. अब तक लोग गंगा दर्शन के लिए सीधे घाट पर बैठते थे, लेकिन विजिटर रूम बनने के बाद लोग छांव में बैठकर गंगा की भव्यता देख पा रहे हैं.

दशाश्वमेध घाट के तर्ज पर हुआ है निर्माण
यह व्यवस्था वाराणसी के दशाश्वमेध घाट जैसे प्रमुख घाटों पर बने विश्राम और आयोजन स्थलों की तर्ज पर की गई है, जहाँ लोग धार्मिक कार्यक्रमों के साथ-साथ पारिवारिक आयोजनों के लिए भी जगह का उपयोग करते हैं. साईं मंदिर के पुजारी अरुण कुमार मिश्रा लोकल18 से बताते हैं कि विजिटर रूम का सबसे बड़ा फायदा त्योहारों के समय देखने को मिलेगा. मकर संक्रांति जैसे बड़े स्नान पर्व पर जब भारी भीड़ घाट पर आती है, तब श्रद्धालु व्यवस्थित तरीके से कपड़े बदल सकेंगे. खासकर महिलाओं को इससे बड़ी सुविधा मिलेगी, जो अब तक खुले में या असुविधाजनक हालात में कपड़े बदलने को मजबूर होती थीं. उन्होंने बताया कि छठ पर्व के दौरान भी यह विजिटर रूम काफी उपयोगी साबित होगा. जब घाट पर श्रद्धालुओं की संख्या अचानक बढ़ जाती है, तब लोग यहां कुछ समय ठहर सकेंगे.

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सामाजिक कार्यों के लिए होगा यूज
बुजुर्गों और बच्चों के लिए यह जगह आराम करने का सुरक्षित विकल्प बनेगी. पुजारी अरुण कुमार मिश्रा का कहना है कि विजिटर रूम का उपयोग सामाजिक आयोजनों के लिए भी किया जा सकेगा. यहां रिंग सेरेमनी जैसे छोटे पारिवारिक कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं. साथ ही, गरीब और बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह अस्थायी ठहराव की सुविधा भी देगा. स्थानीय लोगों का मानना है कि विजिटर रूम बनने से नवापुर घाट की पहचान और मजबूत हुई है.
अब यह घाट सिर्फ स्नान और पूजा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि धार्मिक पर्यटन और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र भी बनेगा. गंगा दर्शन के साथ-साथ सुविधाओं का यह विस्तार घाट की उपयोगिता को नए स्तर पर ले जाता है.

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