साल 2025 के आखिरी दिनों में ज्योतिष जगत से एक ऐसी बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है जो करोड़ों लोगों की नींद उड़ा सकती है. जैसे-जैसे हम नए साल 2026 की दहलीज पर कदम रख रहे हैं, ग्रहों की चाल ने एक ऐसा विनाशकारी चक्रव्यूह रच दिया है जिससे दो विशेष राशियों—सिंह और कुंभ—के लिए आने वाला समय किसी बड़ी आपदा से कम नहीं होने वाला है. ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, ब्रह्मांड के तीन सबसे क्रूर माने जाने वाले ग्रह शनि, राहु और केतु एक ऐसी 'खतरनाक तिकड़ी' बना रहे हैं जो इन जातकों के जीवन में आर्थिक और मानसिक इमरजेंसी जैसे हालात पैदा कर सकती है. विशेषज्ञों ने इसे 'कॉस्मिक अलर्ट' करार देते हुए इन दोनों राशियों के लोगों को तुरंत सावधान होने और अपनी वित्तीय योजनाओं पर फिर से विचार करने की चेतावनी जारी की है. यह केवल एक सामान्य भविष्यवाणी नहीं है, बल्कि ग्रहों के गोचर का वह विश्लेषण है जो बताता है कि कैसे नक्षत्रों की बदलती स्थिति इंसान की सुख-शांति को पूरी तरह से तहस-नहस करने की ताकत रखती है.
इस वक्त की सबसे बड़ी खबर यह है कि सिंह राशि के जातकों के लिए साल 2026 किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा क्योंकि यह राशि केतु की मौजूदगी और शनि की ढैय्या के दोहरे प्रहार की चपेट में आने वाली है. पत्रकारिता के नजरिए से देखें तो यह एक ऐसी स्थिति है जहाँ इंसान की जमा-पूँजी पर सीधा हमला होने वाला है. सिंह राशि वालों के लिए धन-धान्य की कमी और आय के साधनों का अचानक रुक जाना एक बड़ी चुनौती बनकर उभरेगा. खर्चों में इतनी बेतहाशा वृद्धि होगी कि उसे संभालना जातक के नियंत्रण से बाहर हो सकता है. जानकारों का कहना है कि केतु का प्रभाव जातक को भ्रमित करेगा और वह भावनाओं में बहकर ऐसे गलत निवेश कर सकता है जिससे उसे जीवन भर का आर्थिक बोझ उठाना पड़े. यह साल उन लोगों के लिए विशेष रूप से खतरनाक है जो कर्ज लेकर बड़ा दांव लगाने की सोच रहे हैं, क्योंकि ग्रहों की यह तिकड़ी उन्हें कर्ज के ऐसे दलदल में धकेल सकती है जिससे निकल पाना लगभग असंभव होगा. मानसिक तनाव और पारिवारिक दबाव इस कदर बढ़ेगा कि व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र में भी अपना शत-प्रतिशत नहीं दे पाएगा, जिससे करियर में गिरावट का खतरा बना रहेगा.
इसी बीच कुंभ राशि के लिए भी खतरे की घंटी बज चुकी है. कुंभ राशि के जातक इस समय शनि की साढ़े साती के सबसे मारक चरण और राहु के विनाशकारी प्रभाव के बीच फंसे हुए हैं. यह एक ऐसी ज्योतिषीय स्थिति है जिसे 'महा-संघर्ष' का काल कहा जा सकता है. कुंभ राशि वालों के लिए नए साल में आय कम और संघर्ष अधिक रहने वाला है. राहु का प्रभाव व्यक्ति को शॉर्टकट अपनाकर जल्दी पैसा कमाने के लिए उकसाएगा, लेकिन यही उनकी सबसे बड़ी भूल साबित हो सकती है. सट्टेबाजी, शेयर बाजार के अनियंत्रित दांव या किसी भी प्रकार के अवैध वित्तीय लेनदेन में फंसना इनके लिए जेल की हवा खाने या सड़क पर आने जैसी नौबत पैदा कर सकता है. राहु और साढ़े साती का यह घातक मेल जातक के स्वभाव में असाधारण गुस्सा और चिड़चिड़ापन पैदा करेगा, जिसके चलते कार्यस्थल पर सहकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उनके संबंध पूरी तरह बिगड़ सकते हैं. व्यापारिक साझेदारियों में दरार आने और वैवाहिक जीवन में कलह की प्रबल आशंका है, जो जातक की आर्थिक स्थिति को और अधिक कमजोर बना देगी.
ज्योतिषविदों का यह विश्लेषण समाज के एक बड़े वर्ग को प्रभावित करने वाला है क्योंकि सिंह और कुंभ राशि के जातक बड़ी संख्या में महत्वपूर्ण प्रशासनिक और व्यावसायिक पदों पर आसीन हैं. जब इन राशियों के जातकों की निर्णय क्षमता प्रभावित होगी, तो इसका असर सीधे तौर पर बाजार की स्थिरता और निवेश के प्रवाह पर भी पड़ेगा. यह ब्रेकिंग रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि साल 2026 में इन दोनों राशियों के लिए 'पैसा बचाना ही पैसा कमाना' होगा. विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि इस साल किसी भी प्रकार के नए उद्यम की शुरुआत करने या बड़े बदलावों से बचना चाहिए. यह समय विस्तार का नहीं, बल्कि सुरक्षा का है. शनि देव के न्याय और राहु-केतु के छल से बचने के लिए जातकों को अत्यधिक संयम, ईमानदारी और धैर्य का परिचय देना होगा. यदि सावधानी नहीं बरती गई, तो ग्रहों का यह कहर जीवन के हर मोर्चे पर अपूरणीय क्षति पहुँचा सकता है.
प्रमुख ज्योतिष केंद्रों से आ रही रिपोर्टों के अनुसार, मंदिरों में अभी से इन ग्रहों की शांति के लिए अनुष्ठानों की पूछताछ बढ़ गई है. लोग डरे हुए हैं कि कहीं उनकी सालों की मेहनत 2026 के इन शुरुआती महीनों में ही मिट्टी में न मिल जाए. यह साल इन दो राशियों के लिए एक मौन तपस्या की तरह होगा जहाँ उन्हें अपनी वाणी, व्यय और व्यवहार पर कड़ा नियंत्रण रखना होगा. कुल मिलाकर, नए साल का जश्न जहाँ बाकी दुनिया के लिए उल्लास लेकर आएगा, वहीं सिंह और कुंभ राशि के लिए यह एक 'अलर्ट मोड' पर रहने की शुरुआत होगी. ग्रहों की इस खूनी चाल ने यह साफ कर दिया है कि कर्म के देवता शनि और भ्रम के देवता राहु किसी को भी बख्शने के मूड में नहीं हैं, और आने वाले 12 महीने इन दो राशियों के लिए अस्तित्व बचाने की लड़ाई जैसे होने वाले हैं.

































