हर घर की रसोई सिर्फ खाना बनाने की जगह नहीं होती. वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोई आपके घर की ऊर्जा, पैसे की स्थिति और पूरे परिवार की खुशहाली को प्रभावित करती है. अकसर लोग चूल्हे या रसोई की दिशा को महत्व नहीं देते, लेकिन सही दिशा और सही बैलेंस आपके जीवन में धन, स्वास्थ्य और रिश्तों में स्थिरता लाती है, अगर रसोई या चूल्हा गलत दिशा में रखा गया हो तो ना सिर्फ पैसे फंस सकते हैं, बल्कि सेहत और रिश्तों में भी परेशानी आ सकती है. आइए समझते हैं कि घर की 16 दिशाओं में रसोई रखने का क्या असर होता है और आप इसे कैसे संतुलित कर सकते हैं. सबसे आदर्श दिशा साउथ ईस्ट मानी जाती है, अगर आपका चूल्हा या गैस स्टोव साउथ ईस्ट या साउथ साउथ ईस्ट में है, तो आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत रहती है, काम बिना रुकावट पूरे होते हैं और जीवन में ऊर्जा बनी रहती है. वहीं नॉर्थ ईस्ट और साउथ साउथ वेस्ट में रसोई रखने से परेशानी होती है-नॉर्थ ईस्ट में दिमाग और स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं आती हैं और साउथ साउथ वेस्ट में धन और काम ठप हो सकते हैं. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं
रसोई की सही दिशा और उसके फायदे
-साउथ ईस्ट, साउथ साउथ ईस्ट और साउथ: अग्नि तत्व की दिशा, पैसे, सफलता और काम में गति लाती है.
-नॉर्थ ईस्ट: यहां रसोई सेहत और दिमाग पर असर डालती है, अनावश्यक तनाव और झगड़े बढ़ सकते हैं.
-साउथ साउथ वेस्ट और साउथ वेस्ट: दरिद्रता और रिश्तों में बाधा.
-नॉर्थ वेस्ट: सपोर्ट सिस्टम कमजोर, घर में अस्थिरता.
-पूर्वी दिशा: एयर एलिमेंट से जुड़ी है, अगर सही बैलेंस नहीं तो कनेक्शन और मौजमस्ती प्रभावित हो सकती है.
-पश्चिम और पश्चिमी दिशाएं: बच्चों की पढ़ाई और भविष्य की बचत पर असर
रसोई में बैलेंस बनाने के आसान उपाय
1. साउथ ईस्ट, साउथ साउथ ईस्ट, साउथ-में चूल्हा है तो लाल, हरा या काला पत्थर इस्तेमाल करें.
2. नॉर्थ और पूर्वी दिशाओं-में हरा या काला पत्थर बैलेंस के लिए सही रहता है.
3. साउथ वेस्ट और पश्चिम-में पीला या हल्का पत्थर उपयोग करें.
4, अगर पत्थरों का रंग घर की दिशा से मेल नहीं खाता, तो विनाइल शीट्स से कलर बदल सकते हैं.
5. चूल्हे का आकार और प्लेटफॉर्म सही रखें, ताकि ऊर्जा सही दिशा में प्रवाहित हो
छोटी बातें जो बड़ा असर डालती हैं
-गलत दिशा में चूल्हा रखने से पैसे फंस सकते हैं.
-रसोई के रंग और पत्थर का सही बैलेंस परिवार के रिश्तों और स्वास्थ्य पर असर डालता है.
-घर की किसी भी दिशा में चूल्हा होना चाहिए, लेकिन बैलेंसिंग के उपाय अपनाने से समस्याएं दूर हो सकती हैं.

































