चक्रवात दित्वाह के प्रभाव से तमिलनाडु और पुडुचेरी के तटीय इलाकों में रविवार को लगातार तेज़ बारिश और तेज़ हवाओं का दौर जारी रहा. मौसम विभाग के अनुसार यह चक्रवात अगले 24 घंटों के भीतर राज्य के उत्तरी तटीय हिस्सों और पुडुचेरी के समानांतर दिशा में आगे बढ़ता रहेगा. इस बीच राज्य सरकार ने बताया कि भारी बारिश और तेज़ हवाओं के कारण तीन लोगों की मौत हुई है. वहीं, श्रीलंका में इस चक्रवात की विकरालता से प्रभावित क्षेत्रों में मृतकों की संख्या 200 के पार पहुंच चुकी है, जिसने त्रासदी के पैमाने को और गंभीर बना दिया है.
चेन्नई और आसपास के जिलों में सुबह से ही तेज़ वर्षा, समुद्र में ऊँची लहरें और हवाओं की तीव्रता ने लोगों को सतर्क रहने पर मजबूर कर दिया. शहर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी हुई है. इसके बावजूद बड़ी संख्या में लोग मरीना बीच पर एकत्र होते दिखे, जहाँ प्रशासन बार-बार चेतावनी जारी कर रहा है कि समुद्र में बढ़ती हुई उथल-पुथल खतरनाक साबित हो सकती है. स्थानीय पुलिस और तटरक्षक बल लगातार लोगों को तट से दूर रहने की सलाह दे रहे हैं.
मौसम विभाग के अनुसार चक्रवात दित्वाह के कारण अगले 24 घंटों में कड्डलुर, नागपट्टिनम, मयिलादुथुरै, विल्लुपुरम, चेंगलपट्टू, पुदुकोट्टई, तंजावुर, तिरुवारूर, अरियालुर, पेरंबलुर, तिरुचिरापल्ली, चेन्नई, कांचीपुरम, तिरुवल्लूर और रानीपेट जिलों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है. इसी तरह पुदुचेरी और कराईकल में भी वर्षा का अत्यधिक प्रभाव देखने को मिल सकता है. कई क्षेत्रों में बारिश की तीव्रता इतनी ज्यादा है कि स्थानीय प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों में स्कूलों को बंद रखने और अनावश्यक आवागमन पर रोक लगाने की सलाह दी है.
तेज़ हवाओं का असर तटीय क्षेत्रों में दिखाई देने लगा है, जहाँ हवा की रफ्तार 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच दर्ज की गई, जो झोंकों में 80 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुँच रही है. ऐसी तेज़ हवाओं के चलते तटवर्ती क्षेत्रों में पेड़ों और विद्युत तारों के टूटने का खतरा बढ़ गया है. कई इलाकों में एहतियातन बिजली आपूर्ति अस्थायी रूप से रोक दी गई है ताकि किसी दुर्घटना की स्थिति से बचा जा सके.
राज्य सरकार ने चक्रवात की गंभीरता को देखते हुए राहत और बचाव कार्यों को सुदृढ़ किया है. राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री के.के.एस.एस.आर. रामचंद्रन ने बताया कि कुल 38 आपदा प्रतिक्रिया टीमें, जिनमें एसडीआरएफ और एनडीआरएफ शामिल हैं, पूरी तरह तैयार रखी गई हैं. साथ ही पिछले 24 घंटों में अन्य राज्यों से भी दस अतिरिक्त टीमें राहत एवं पुनर्वास कार्यों में सहयोग के लिए पहुँच गई हैं. प्रशासन ने तटीय और निम्न इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्रक्रिया तेज़ कर दी है. राहत शिविरों में भोजन, दवाइयाँ, पीने का पानी और आपातकालीन चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं.
आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि समुद्र में उठ रही ऊँची लहरों और लगातार बिगड़ते मौसम के चलते मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त सलाह दी गई है. मछली पकड़ने वाली सभी नावों को बंदरगाहों में सुरक्षित लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं. बंदरगाह प्राधिकरण ने समुद्री गतिविधियों को पूरी तरह स्थगित कर दिया है. चेन्नई बंदरगाह और पुदुचेरी तट पर सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी बढ़ाई गई है.
इस बीच, श्रीलंका में चक्रवात दित्वाह के कारण हुई भारी बारिश और भूस्खलनों की वजह से स्थिति बेहद गंभीर हो गई है. वहाँ मृतकों की संख्या 200 के पार पहुँच चुकी है, जबकि कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं. श्रीलंका के राहत अधिकारियों ने कहा कि दूर-दराज के कई इलाकों में पहुँच मार्ग ध्वस्त हो चुके हैं, जिससे राहत सामग्री पहुँचाने में कठिनाइयाँ आ रही हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद की अपील शुरू कर दी गई है. भारत सरकार ने कहा है कि वह स्थिति पर करीबी नज़र बनाए हुए है और आवश्यक होने पर हर संभव सहायता प्रदान करेगा.
तमिलनाडु में प्रशासन ने अस्पतालों, जलापूर्ति केंद्रों और बिजली प्रतिष्ठानों को हाई अलर्ट पर रखा है. स्वास्थ्य विभाग ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में जलजनित रोगों के खतरे को देखते हुए मेडिकल टीमों को तैनात किया है. नगर निगम और ग्रामीण प्रशासन को नालों की सफाई और जलभराव से निपटने के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं. मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि बारिश और हवाओं की तीव्रता अगले 12-18 घंटों तक बनी रह सकती है, जिसके चलते लोगों को घरों के भीतर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है.
स्थानीय नागरिकों के लिए यह स्थिति चिंता का विषय बन गई है. चेन्नई और आसपास के जिलों में रहने वाले लोगों ने बताया कि कई क्षेत्रों में सड़कों पर कमर तक पानी भर गया है, जिससे यातायात बाधित है. साथ ही, सुपरमार्केट और किराना दुकानों में आवश्यक सामानों की खरीद में अचानक वृद्धि देखी गई है, जिससे कुछ चीज़ों की उपलब्धता प्रभावित हुई है. हालांकि प्रशासन का कहना है कि सभी आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है.
राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियाँ लगातार स्थिति की निगरानी कर रही हैं. जैसे-जैसे चक्रवात तट के समानांतर आगे बढ़ेगा, बारिश और हवाओं के और तेज़ होने की संभावना है. ऐसे में आने वाले घंटों को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. राहत एजेंसियाँ तैयार हैं, लेकिन मौसम की तीव्रता के अनुसार राहत अभियान को और भी चुनौतीपूर्ण होना पड़ सकता है.
तमिलनाडु और पुदुचेरी के तटीय इलाकों में रहने वालों के लिए यह समय सावधानी और संयम का है. चक्रवात दित्वाह की रफ्तार और दिशा पर मौसम विभाग की निगरानी जारी है और आने वाला 24 घंटे का समय इस प्राकृतिक आपदा के प्रभाव को तय करेगा.

































