धार्मिक उल्लास और सांस्कृतिक धरोहर के संगम के साथ नई उम्मीदों का सवेरा लेकर आएगा साल का पहला महीना जनवरी

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बीते साल की विदाई की बेला और नए साल की अगवानी के बीच कैलेंडर के पन्ने पलटने लगे हैं और इसी के साथ भविष्य की योजनाएं भी आकार लेने लगी हैं। साल 2026 की शुरुआत केवल कैलेंडर बदलने की घटना मात्र नहीं है, बल्कि यह अपने साथ आस्था, परंपरा और उत्सवों की एक लंबी श्रृंखला लेकर आ रहा है। नए साल का पहला महीना यानी जनवरी 2026 इस बार आध्यात्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखने वाला है क्योंकि इसकी शुरुआत ही भगवान शिव के प्रिय प्रदोष व्रत के साथ हो रही है। देश के विभिन्न हिस्सों में मनाए जाने वाले पारंपरिक त्योहारों और व्रतों की एक विस्तृत सूची इस महीने को बेहद खास बना रही है, जो भारतीय समाज के बहुसांस्कृतिक स्वरूप को जीवंत करती नजर आएगी।

नए साल का सूरज 1 जनवरी को जब अपनी पहली किरणें बिखेरेगा, तब पौष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि होगी, जिसके चलते देशभर के शिवालयों में प्रदोष व्रत की धूम रहेगी। यह एक दुर्लभ संयोग है कि नए साल का अभिनंदन एक पवित्र व्रत के साथ हो रहा है। इसके ठीक दो दिन बाद यानी 3 जनवरी को पौष पूर्णिमा का आगमन होगा। यह तिथि हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इसी दिन से संगम की रेती पर विश्व प्रसिद्ध माघ मेले का आधिकारिक शुभारंभ हो जाता है। तीर्थराज प्रयाग में श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू होगा और एक महीने तक चलने वाले कल्पवास का कठिन तप शुरू होगा।

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नववर्ष की शुरुआत धार्मिक दृष्टि से भी खास रहने वाली है। पौष माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के साथ 1 जनवरी 2026 को प्रदोष व्रत पड़ेगा, जिससे नए साल का पहला दिन ही आस्था और साधना से जुड़ जाएगा।

जनवरी का महीना इस बार व्रत, पर्व, स्नान और शुभ तिथियों से भरा रहेगा। 3 जनवरी को पौष पूर्णिमा के साथ माघ स्नान की शुरुआत होगी और संगम तट पर माघ मेले का शुभारंभ होगा। इसके बाद पूरे महीने श्रद्धा और परंपरा की निरंतर धारा बहती रहेगी।

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जनवरी 2026 के प्रमुख पर्व और त्योहार

  • लोहड़ी – 13 जनवरी 2026
    पंजाब और हरियाणा में विशेष रूप से मनाया जाने वाला यह पर्व फसल और लोकसंस्कृति से जुड़ा है। अग्नि के चारों ओर परिक्रमा कर नई फसल अर्पित की जाती है।

  • मकर संक्रांति – 14 जनवरी 2026
    सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ मनाया जाने वाला यह पर्व स्नान, दान और पतंगबाजी के लिए प्रसिद्ध है। गंगासागर स्नान का भी विशेष महत्व है।

  • बसंत पंचमी – 23 जनवरी 2026
    ज्ञान, कला और वाणी की देवी सरस्वती को समर्पित यह दिन शिक्षा और नवचेतना का प्रतीक माना जाता है।

जनवरी 2026: तिथि और पर्व सूची

  • 1 जनवरी (गुरुवार): रोहिणी व्रत, प्रदोष व्रत, नववर्ष दिवस

  • 2 जनवरी (शुक्रवार): प्रकृति दिवस, हज़रत अली जन्मदिवस

  • 3 जनवरी (शनिवार): पौष पूर्णिमा, सत्यनारायण व्रत, माघ स्नान प्रारंभ

  • 6 जनवरी (मंगलवार): अंगारकी चतुर्थी, सकट चौथ

  • 10 जनवरी (शनिवार): कालाष्टमी

  • 12 जनवरी (सोमवार): स्वामी विवेकानंद जयंती, राष्ट्रीय युवा दिवस

  • 13 जनवरी (मंगलवार): लोहड़ी

  • 14 जनवरी (बुधवार): मकर संक्रांति, षटतिला एकादशी, गंगासागर स्नान

  • 16 जनवरी (शुक्रवार): मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत

  • 18 जनवरी (रविवार): मौनी अमावस्या

  • 19 जनवरी (सोमवार): माघ गुप्त नवरात्रि प्रारंभ

  • 22 जनवरी (गुरुवार): गणेश जयंती

  • 23 जनवरी (शुक्रवार): बसंत पंचमी

  • 25 जनवरी (रविवार): रथ सप्तमी

  • 26 जनवरी (सोमवार): गणतंत्र दिवस, भेष्मा अष्टमी

  • 29 जनवरी (गुरुवार): जया एकादशी

  • 30 जनवरी (शुक्रवार): प्रदोष व्रत, गांधी पुण्यतिथि

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महत्वपूर्ण व्रत और शुभ तिथियां

  • मौनी अमावस्या (18 जनवरी): पवित्र स्नान, दान और मौन साधना का विशेष दिन

  • षटतिला एकादशी (14 जनवरी): भगवान विष्णु की उपासना का महत्वपूर्ण पर्व

  • प्रदोष व्रत: 1, 16 और 30 जनवरी को

जनवरी 2026 का महीना इस तरह न केवल नए साल की शुरुआत करेगा, बल्कि धार्मिक आस्था, सामाजिक परंपरा और सांस्कृतिक उत्सवों की एक लंबी श्रृंखला भी लेकर आएगा।

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