
इटवा और खुनियांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) पर सोमवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत एचआरपी दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क अल्ट्रासाउंड सुविधा नहीं मिल पाई, जिसके कारण कई महिलाओं को या तो दूर जाना पड़ा या वे जांच से वंचित रह गईं। गर्भवती महिलाओं को आमतौर पर इस अभियान के तहत अल्ट्रासाउंड सहित कई जांचें निःशुल्क प्रदान की जाती हैं। हालांकि, खुनियांव में अल्ट्रासाउंड सुविधा का पंजीकरण मार्च में समाप्त हो जाने और उसका नवीनीकरण न होने के कारण यह सेवा बंद कर दी गई। इटवा की गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड के लिए 15-20 किलोमीटर दूर डुमरियागंज जाना पड़ा, जबकि खुनियांव की कई महिलाएं इतनी दूर जाने में असमर्थ रहीं और उन्हें बिना जांच के वापस लौटना पड़ा। एचआरपी दिवस पर दोनों अस्पतालों में कुल 126 गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण हुआ। पंजीकरण के साथ ही उनका वजन और रक्तचाप (बीपी) की जांच की गई। सुरक्षित जननी और स्वस्थ शिशु के लिए परामर्श दिए गए, संबंधित उपचार के साथ दवाएं भी वितरित की गईं। कुल 5 गर्भवती महिलाओं को आयरन की ड्रिप चढ़ाई गई। खुनियांव CHC में डॉ. पुल्सत्य नारायण यादव और डॉ. आरती यादव की टीम ने कुल 92 गर्भवती महिलाओं की जांच की। इनमें से किसी को भी अल्ट्रासाउंड सुविधा नहीं मिल सकी। कुल 38 गर्भवती महिलाएं हाई रिस्क पेशेंट (HRP) पाई गईं, जिन्हें विशेष निगरानी बरतने की सलाह दी गई। वहीं, इटवा CHC में डॉ. बसंती सेन ने 34 गर्भवती महिलाओं की जांच की। इन सभी को अल्ट्रासाउंड सुविधा के लिए डुमरियागंज भेजा गया। यहां 4 गर्भवती महिलाएं एमआरपी (मध्यम जोखिम वाली मरीज) पाई गईं और 4 को ड्रिप चढ़ाई गई। खुनियांव के एमओआईसी डॉ. पीएन यादव ने बताया कि नवीनीकरण न होने के कारण अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। इस कार्यक्रम में स्टाफ नर्स नमिता सिंह, एलटी आशुतोष मिश्र, बीसीपीएम महेंद्र कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों ने सक्रिय भूमिका निभाई। इटवा में उमेश मौर्य, शफीकुन्निसा, प्रियंका वर्मा, गीता यादव, नीतू प्रजापति आदि की तैनाती रही।

