
बलरामपुर के सादुल्लाहनगर थाना परिसर में अवैध रूप से बनी एक मजार को प्रशासन ने 12 साल बाद ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई न्यायालय के आदेश पर सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच की गई। पूर्व सपा विधायक आरिफ अनवर हाशमी पर थाने की जमीन पर कब्जा कर मजार बनाने का आरोप है। पुलिस के अनुसार, वर्ष 2013 में पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी ने अपने भाई मारूफ अनवर हाशमी को मजार का प्रबंधक बनाकर थाना की 0.18 एकड़ जमीन का फर्जी बैनामा ‘मजार शरीफ शहीदे मिल्लत अब्दुल कुद्दूस शाह रहमतुल्लाह अलैह’ के नाम करा लिया था। इस स्थान पर एक भव्य मजार का निर्माण किया गया था। अपर पुलिस अधीक्षक विशाल पांडेय ने बताया कि सादुल्लाहनगर थाना परिसर स्थित भूमि गाटा संख्या-696, रकबा 2.16 एकड़, चकबंदी के पूर्व के अभिलेखों में थाना भूमि के नाम दर्ज है। पूर्व विधायक ने थाने की भूमि हड़पने के उद्देश्य से यह कृत्य किया था। 10 साल बाद, 29 अगस्त 2023 को तत्कालीन थानाध्यक्ष ने इस मामले में मुकदमा दायर किया। पुलिस की प्रभावी पैरवी के बाद, उपजिलाधिकारी उतरौला न्यायालय ने 19 मार्च 2024 को गाटा संख्या-696, रकबा 2.16 एकड़ भूमि को सादुल्लाहनगर थाना के नाम दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद, 2024 में पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी और उनके भाई मारूफ अनवर हाशमी के विरुद्ध कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर जमीन दर्ज कराने का मुकदमा दर्ज किया गया। न्यायालय के इस आदेश के बाद, तथाकथित समिति ने आयुक्त देवीपाटन मंडल के पास वाद दायर किया था। 28 नवंबर को दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद, न्यायालय ने स्थगन आदेश निरस्त करते हुए पत्रावली अवर न्यायालय को वापस भेज दी। इसके अनुपालन में, वर्तमान थानाध्यक्ष ने अवैध मजार को हटाने के संबंध में तहसीलदार उतरौला को प्रार्थना पत्र दिया। तहसीलदार उतरौला न्यायालय ने 28 नवंबर को ही बेदखली एवं क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया। नियमानुसार विपक्षी को नोटिस भेजकर दो दिन का समय दिया गया, लेकिन उन्होंने आदेश का अनुपालन नहीं किया। इसके बाद, 1 दिसंबर को बुलडोजर लगाकर मजार को ध्वस्त कर दिया गया और संपूर्ण मलबा सरकारी तालाब में दफन कर दिया गया।


