बलरामपुर के श्रीदत्तगंज शिक्षा क्षेत्र स्थित प्राथमिक विद्यालय मन्नीपुरवा बारिश के दिनों में जलभराव की समस्या से जूझ रहा है। हल्की या तेज बारिश होने पर विद्यालय परिसर तालाब में बदल जाता है, जिससे बच्चों का आवागमन बाधित होता है और उनके फिसलकर चोटिल होने का खतरा बना रहता है। विद्यालय में कुल 93 बच्चे पंजीकृत हैं, जिनकी उपस्थिति बरसात के मौसम में काफी प्रभावित होती है। कीचड़ भरे रास्तों से गुजरने के कारण बच्चों के जूते-चप्पल और कपड़े गीले हो जाते हैं। जलभराव के कारण शिक्षक भी सामान्य रूप से शिक्षण गतिविधियां संचालित नहीं कर पाते। जलभराव से केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा है। कई दिनों तक गंदा पानी जमा रहने से मच्छर और अन्य कीड़े-मकोड़े पनपते हैं, जिससे डेंगू, मलेरिया और त्वचा संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा, गीली जमीन के कारण असेंबली और खेलकूद जैसी गतिविधियां भी बाधित होती हैं। शिक्षकों और अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय परिसर में इंटरलॉकिंग और उचित जल निकासी की व्यवस्था के लिए लंबे समय से मांग की जा रही है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, अधिकारी केवल निरीक्षण करते हैं, परंतु जमीनी स्तर पर कोई सुधार नहीं होता। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से तत्काल प्राथमिक विद्यालय मन्नीपुरवा में इंटरलॉकिंग और जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है, ताकि बच्चों को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार मिल सके।
मन्नीपुरवा प्राथमिक विद्यालय जलभराव से ग्रस्त:बारिश में बच्चों की पढ़ाई और स्वास्थ्य पर खतरा
बलरामपुर के श्रीदत्तगंज शिक्षा क्षेत्र स्थित प्राथमिक विद्यालय मन्नीपुरवा बारिश के दिनों में जलभराव की समस्या से जूझ रहा है। हल्की या तेज बारिश होने पर विद्यालय परिसर तालाब में बदल जाता है, जिससे बच्चों का आवागमन बाधित होता है और उनके फिसलकर चोटिल होने का खतरा बना रहता है। विद्यालय में कुल 93 बच्चे पंजीकृत हैं, जिनकी उपस्थिति बरसात के मौसम में काफी प्रभावित होती है। कीचड़ भरे रास्तों से गुजरने के कारण बच्चों के जूते-चप्पल और कपड़े गीले हो जाते हैं। जलभराव के कारण शिक्षक भी सामान्य रूप से शिक्षण गतिविधियां संचालित नहीं कर पाते। जलभराव से केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा है। कई दिनों तक गंदा पानी जमा रहने से मच्छर और अन्य कीड़े-मकोड़े पनपते हैं, जिससे डेंगू, मलेरिया और त्वचा संबंधी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। इसके अलावा, गीली जमीन के कारण असेंबली और खेलकूद जैसी गतिविधियां भी बाधित होती हैं। शिक्षकों और अभिभावकों का कहना है कि विद्यालय परिसर में इंटरलॉकिंग और उचित जल निकासी की व्यवस्था के लिए लंबे समय से मांग की जा रही है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, अधिकारी केवल निरीक्षण करते हैं, परंतु जमीनी स्तर पर कोई सुधार नहीं होता। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग से तत्काल प्राथमिक विद्यालय मन्नीपुरवा में इंटरलॉकिंग और जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है, ताकि बच्चों को सुरक्षित और स्वच्छ वातावरण में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार मिल सके।












































