बलरामपुर के श्रीदत्तगंज क्षेत्र में तीन दिनों की लगातार बारिश के बाद रविवार को धूप निकलने से किसानों को राहत मिली है। बारिश के कारण खेतों में कटी धान की फसलें भीग गई थीं, जिससे उनके सड़ने का खतरा बढ़ गया था। अब किसान उम्मीद कर रहे हैं कि मौसम साफ रहने पर नुकसान कम होगा। शनिवार शाम को बारिश रुकने के बाद, रविवार सुबह धूप निकलते ही किसान तुरंत अपने खेतों की ओर दौड़ पड़े। कई स्थानों पर किसान अपने परिवार के साथ भीगे हुए धान को बचाने में जुट गए। उन्होंने खेतों से पानी निकाला और भीगी हुई फसल को ऊंचे स्थानों पर सुखाने का काम शुरू किया। अल्लाहनगर अगया बुजुर्ग के 71 वर्षीय किसान अय्यूब खान ने बताया कि उनके आठ बीघा खेत में से सात बीघा धान कट चुका था, जो बारिश में पूरी तरह भीग गया। उन्होंने उम्मीद जताई कि यदि धूप दो-तीन दिन लगातार निकली तो फसल को बचाया जा सकता है। रामनगर निवासी किसान रामफेर ने बताया कि उनका एक बीघा धान पानी में डूब गया था, लेकिन अब धूप निकलने से फसल खराब न होने की उम्मीद जगी है। कुरकुटपुरवा के किसान किसनलाल ने बताया कि उनका ढाई बीघा धान पहले ही सड़ने लगा था, और अब वे उसे धूप में सुखाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। किसानों के अनुसार, लगातार बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया था, जिससे कटी हुई धान की बोरियां भीग गईं और कई जगहों पर धान में अंकुर फूटने लगे थे। रविवार को निकली धूप ने उन्हें तात्कालिक राहत दी है। किसानों का कहना है कि यदि मौसम इसी तरह साफ बना रहा, तो फसल का नुकसान कम होगा और वे उसे बेचने लायक बचा पाएंगे। स्थानीय किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि बारिश से खराब हुई फसलों का जल्द से जल्द सर्वे कराया जाए और प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि वे अगली फसल की तैयारी कर सकें।
बलरामपुर में तीन दिन की बारिश से धान भीगा:धूप निकलने से किसानों को फसल बचाने की उम्मीद
बलरामपुर के श्रीदत्तगंज क्षेत्र में तीन दिनों की लगातार बारिश के बाद रविवार को धूप निकलने से किसानों को राहत मिली है। बारिश के कारण खेतों में कटी धान की फसलें भीग गई थीं, जिससे उनके सड़ने का खतरा बढ़ गया था। अब किसान उम्मीद कर रहे हैं कि मौसम साफ रहने पर नुकसान कम होगा। शनिवार शाम को बारिश रुकने के बाद, रविवार सुबह धूप निकलते ही किसान तुरंत अपने खेतों की ओर दौड़ पड़े। कई स्थानों पर किसान अपने परिवार के साथ भीगे हुए धान को बचाने में जुट गए। उन्होंने खेतों से पानी निकाला और भीगी हुई फसल को ऊंचे स्थानों पर सुखाने का काम शुरू किया। अल्लाहनगर अगया बुजुर्ग के 71 वर्षीय किसान अय्यूब खान ने बताया कि उनके आठ बीघा खेत में से सात बीघा धान कट चुका था, जो बारिश में पूरी तरह भीग गया। उन्होंने उम्मीद जताई कि यदि धूप दो-तीन दिन लगातार निकली तो फसल को बचाया जा सकता है। रामनगर निवासी किसान रामफेर ने बताया कि उनका एक बीघा धान पानी में डूब गया था, लेकिन अब धूप निकलने से फसल खराब न होने की उम्मीद जगी है। कुरकुटपुरवा के किसान किसनलाल ने बताया कि उनका ढाई बीघा धान पहले ही सड़ने लगा था, और अब वे उसे धूप में सुखाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। किसानों के अनुसार, लगातार बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया था, जिससे कटी हुई धान की बोरियां भीग गईं और कई जगहों पर धान में अंकुर फूटने लगे थे। रविवार को निकली धूप ने उन्हें तात्कालिक राहत दी है। किसानों का कहना है कि यदि मौसम इसी तरह साफ बना रहा, तो फसल का नुकसान कम होगा और वे उसे बेचने लायक बचा पाएंगे। स्थानीय किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि बारिश से खराब हुई फसलों का जल्द से जल्द सर्वे कराया जाए और प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए, ताकि वे अगली फसल की तैयारी कर सकें।









