मंत्री ने बलरामपुर में पीड़ित परिवार से की मुलाकात:मानव-वन्यजीव संघर्ष के बाद 5 लाख की सहायता, सुरक्षा का आश्वासन

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उत्तर प्रदेश के वन, पर्यावरण, जंतु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमार सक्सेना ने बलरामपुर जनपद का दौरा किया। उन्होंने विकास खंड हरैया सतघरवा क्षेत्र की ग्रामपंचायत नेवलगंज के मजरा रेहारपुरवा झौहना में हुई मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटना का तत्काल संज्ञान लिया। मंत्री सक्सेना ने कलेक्ट्रेट में पीड़ित परिजनों से मिलकर अपनी शोक संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने शासन की ओर से ₹5 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की और परिवार को हर संभव सहयोग व सुरक्षा व्यवस्था का भरोसा दिलाया। इस अवसर पर मंत्री सक्सेना ने कहा कि मानव जीवन सर्वोपरि है और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति किसी भी कीमत पर नहीं होनी चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वन क्षेत्र के आसपास रहने वाले नागरिकों के लिए सुरक्षा एवं जागरूकता तंत्र को और मजबूत बनाया जाए। घटना के तुरंत बाद, कलेक्ट्रेट में मंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में बलरामपुर सदर विधायक पल्टूराम, जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन, प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील चौधरी, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (मध्य क्षेत्र) श्रीमती रेणु सिंह, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव (पूर्वी क्षेत्र) अशोक प्रसाद सिन्हा और हेड प्रोजेक्ट टाइगर राम कुमार उपस्थित रहे। बैठक में वन्य जीव संघर्ष की रोकथाम हेतु वर्तमान स्थिति, वन क्षेत्र की संवेदनशीलता, उपलब्ध संसाधनों और प्रतिक्रिया तंत्र पर विस्तृत चर्चा की गई। मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने वन विभाग को निर्देश दिए कि उपकरणों का आधुनिकीकरण किया जाए, वन्यजन्तु घटनाओं में प्रतिक्रिया समय न्यूनतम हो, संवेदनशील वन क्षेत्रों को रेड अलर्ट ज़ोन घोषित किया जाए। उन्होंने ड्रोन और बड़े ट्रेंकुलाइजर के प्रयोग, जोन एवं सेक्टर आधारित टीमों के गठन कर नियमित पेट्रोलिंग करने, तथा रेस्क्यू, निगरानी एवं संचार हेतु ड्रोन, कैमरा ट्रैप एवं आधुनिक वायरलेस सिस्टम बढ़ाने पर भी जोर दिया।

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