बस्ती के महिला महाविद्यालय सभागार में सोमवार को सनातन धर्म संस्था ने श्रीमद्भगवत गीता जयंती का आयोजन किया। ‘गीता विचार संचार उत्सव’ के रूप में मनाए गए इस कार्यक्रम का शुभारंभ गीता पूजन, अर्चन और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। संस्था ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों, छात्राओं और श्रोताओं को श्रीमद्भगवत गीता की पुस्तकें भेंट कीं। उत्सव को संबोधित करते हुए अखिलेश दूबे ने कहा कि श्रीमद्भगवत गीता में मनुष्य को बेहतर इंसान बनाने का संपूर्ण ज्ञान निहित है। उन्होंने युवा पीढ़ी से गीता का स्वाध्याय करने का आग्रह किया। दूबे ने बताया कि संस्था का मुख्य उद्देश्य हर सनातनी तक गीता का संदेश पहुंचाकर एक संस्कारित समाज का निर्माण करना है। महिला महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. सुनीता तिवारी ने गीता को जीवन जीने की कुंजी बताया। उन्होंने स्पष्ट किया कि गीता विरक्ति नहीं, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में उत्कृष्ट मानव बनने की प्रेरणा देती है। संस्कृत प्रवक्ता डॉ. कमलेश पाण्डेय ने सात्विक आहार-विहार के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मानव के कर्म ही उसके भविष्य की नींव होते हैं। कैलाश नाथ दूबे ने महाभारत के प्रसंगों का उल्लेख करते हुए निष्काम कर्म के संदेश को समझाया। उन्होंने त्रिकाल संध्या, गायत्री जप और पितरों के प्रति श्रद्धा को जीवन का अनिवार्य हिस्सा बताया। कार्यक्रम के अंत में अतुल चित्रगुप्त ने सभी धर्मप्रेमियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा अवश्य करता है। उन्होंने जन-जन तक गीता के सद्विचार पहुंचाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। इस अवसर पर सुशील मिश्र, अनुराग शुक्ल, सरिता शुक्ला, नीलम मिश्रा, डॉ. सीमा सिंह, डॉ. नूतन यादव, डॉ. कात्यायनी दूबे, डॉ. रुचि श्रीवास्तव, अर्पित गौड़ और पंकज त्रिपाठी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।











