सोहेलवा वन्यजीव प्रभाग के हरैया सतघरवा स्थित नेवल गंज ग्राम पंचायत के रेहारपुरवा झौहना गांव में तेंदुए के हमले में मारे गए बच्चे के परिवार से उपजिलाधिकारी (एसडीएम) हेमंत गुप्ता और खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) पल्लवी सचान ने मुलाकात की। अधिकारियों ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। यह घटना शनिवार रात की है, जब गुरदासपुरवा गांव की इंदिरावती अपने ननदोई भगवंत राम के घर रेहारपुरवा झौहना आई हुई थीं। रात करीब दो बजे एक तेंदुए ने उनके दुधमुंहे बच्चे रोहित को उठा लिया था। बच्चे का शव घर से लगभग दो सौ मीटर दूर गांव के पश्चिमी छोर पर मिला, जिसका निचला हिस्सा जंगली जानवर ने खा लिया था। बच्चे के पिता शेषराम और माता इंदिरावती को वन मंत्री द्वारा पांच लाख रुपये की अहेतुक सहायता राशि प्रदान की गई है। एसडीएम हेमंत गुप्ता ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर किसानों को गन्ना पर्ची उपलब्ध कराने की बात कही गई है। उन्होंने वनकर्मियों को जंगल से सटे गांवों में तेंदुए से बचाव के लिए नियमित रूप से जन जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया। अधिकारियों ने स्वीकार किया कि जंगल से सटे गांवों में गन्ने के खेतों में तेंदुए अक्सर छिपे रहते हैं, जिससे ऐसे हमलों का खतरा बना रहता है।
बलरामपुर में तेंदुए के हमले में बच्चे की मौत:एसडीएम और बीडीओ ने पीड़ित परिवार से मुलाकात कर मदद का आश्वासन दिया
सोहेलवा वन्यजीव प्रभाग के हरैया सतघरवा स्थित नेवल गंज ग्राम पंचायत के रेहारपुरवा झौहना गांव में तेंदुए के हमले में मारे गए बच्चे के परिवार से उपजिलाधिकारी (एसडीएम) हेमंत गुप्ता और खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) पल्लवी सचान ने मुलाकात की। अधिकारियों ने पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। यह घटना शनिवार रात की है, जब गुरदासपुरवा गांव की इंदिरावती अपने ननदोई भगवंत राम के घर रेहारपुरवा झौहना आई हुई थीं। रात करीब दो बजे एक तेंदुए ने उनके दुधमुंहे बच्चे रोहित को उठा लिया था। बच्चे का शव घर से लगभग दो सौ मीटर दूर गांव के पश्चिमी छोर पर मिला, जिसका निचला हिस्सा जंगली जानवर ने खा लिया था। बच्चे के पिता शेषराम और माता इंदिरावती को वन मंत्री द्वारा पांच लाख रुपये की अहेतुक सहायता राशि प्रदान की गई है। एसडीएम हेमंत गुप्ता ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर किसानों को गन्ना पर्ची उपलब्ध कराने की बात कही गई है। उन्होंने वनकर्मियों को जंगल से सटे गांवों में तेंदुए से बचाव के लिए नियमित रूप से जन जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया। अधिकारियों ने स्वीकार किया कि जंगल से सटे गांवों में गन्ने के खेतों में तेंदुए अक्सर छिपे रहते हैं, जिससे ऐसे हमलों का खतरा बना रहता है।












