श्रावस्ती के केशव नगर स्थित संघ कार्यालय में मंगलवार को गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहादत दिवस मनाया गया। इस अवसर पर एक श्रद्धांजलि सभा और संकीर्तन का आयोजन किया गया, जिसमें कई लोग शामिल हुए। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आरएसएस के जिला प्रचारक भानु प्रकाश ने गुरु तेग बहादुर जी के बलिदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया था। इसी अद्वितीय त्याग के कारण उन्हें ‘हिंद की चादर’ के नाम से जाना जाता है। भानु प्रकाश ने आगे कहा कि इतिहास में ऐसे विरल उदाहरण मिलते हैं जब किसी ने दूसरों के धर्म और अस्तित्व की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर किए हों। उन्होंने बताया कि धर्म परिवर्तन से इनकार करने पर मुगल शासक औरंगजेब ने सबके सामने उनका सिर कटवा दिया था, लेकिन गुरु तेग बहादुर अपने सिद्धांतों से विचलित नहीं हुए। कार्यक्रम के दौरान आयोजित संकीर्तन में श्रद्धालुओं ने गुरु साहिब के चरित्र, त्याग, विनम्रता और मानवता के संदेश को स्मरण किया। भजन-कीर्तन के साथ, उपस्थित लोगों ने गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाओं को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर बाबूराम, सरदार बलविंदर सिंह, गुरविंदर सिंह सहित स्थानीय समाजसेवी और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी ने गुरु तेग बहादुर जी के आदर्शों—धर्मनिष्ठा, साहस और मानवता—को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया।









































