नगर थाना क्षेत्र के कप्तानगंज विकास खंड स्थित पोखरा बाजार की कृषि उत्पादन एवं विपणन सहकारी समिति के सचिव के खिलाफ उर्वरक स्टॉक में गड़बड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत की गई है। उर्वरक निरीक्षक बाबूराम ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि उन्होंने 26 अक्टूबर को समिति का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान पीओएस मशीन में दर्ज स्टॉक का भौतिक सत्यापन करने पर भारी अनियमितताएं पाई गईं। यूरिया की 1397 बोरियों (61.065 टन) के मुकाबले केवल 347 बोरियां मिलीं, यानी 1050 बोरियां कम पाई गईं। इसके अतिरिक्त, डीएपी उर्वरक की एक बोरी (0.05 टन) के स्थान पर 32 बोरियां (31 बोरी अधिक), एनपीके उर्वरक की 62 बोरियों (3.8 टन) के स्थान पर 124 बोरियां (62 बोरी अधिक) और एमओपी उर्वरक शून्य के स्थान पर 36 बोरियां पाई गईं। निरीक्षण के दौरान उर्वरक वितरण/स्टॉक रजिस्टर उपलब्ध नहीं कराया गया। प्रतिष्ठान का बोर्ड, स्टॉक बोर्ड और रेट बोर्ड भी नहीं लगाए गए थे। उपलब्ध स्टॉक से इफको अमोनियम फास्फेट सल्फेट, इफको डीएपी और आईपीएल एमओपी के नमूने लिए गए। पीओएस स्टॉक और भौतिक स्टॉक में भिन्नता के संबंध में समिति सचिव राम प्रसाद कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। थानाध्यक्ष विश्वमोहन राय ने बताया कि उर्वरक निरीक्षक की तहरीर पर मेसर्स कृषि उत्पादन एवं विपणन सहकारी समिति पोखरा के सचिव राम प्रसाद के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। मामले की विवेचना उप निरीक्षक कन्हैयालाल मौर्य को सौंपी गई है।









































