भारत की पहली डिजिटल जनगणना 2027 की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके पहले चरण के तहत मकान सूचीकरण और गणना के पूर्व परीक्षण (प्री-टेस्ट) के लिए बहराइच की मिहींपुरवा तहसील को चुना गया है। इस प्रक्रिया के लिए 54 गांवों में डिजिटल सर्वे होगा, जिसके लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शनिवार को सर्वोदय इंटर कॉलेज मिहींपुरवा में शुरू हुआ। जनगणना निदेशालय के अधिकारी दो चरणों में लगभग 430 प्रगणक और पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। यह प्रशिक्षण 11 बैचों में सुबह 9:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक चलेगा। प्री-टेस्ट के दौरान, 1 से 7 नवंबर तक चयनित गांवों के निवासी स्वयं अपनी गणना (सेल्फ एन्यूमरेशन) कर सकेंगे। इसके बाद, 10 से 30 नवंबर 2025 तक प्रगणक मोबाइल ऐप के माध्यम से घरों का डेटा एकत्र करेंगे। यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आधारित होगी। उपजिलाधिकारी मिहींपुरवा मोतीपुर, श्री रामदयाल ने प्रशिक्षण के उद्घाटन अवसर पर कहा कि जनगणना के आंकड़े ही विकास की नींव रखते हैं। उन्होंने सभी कर्मचारियों को पूर्ण निष्ठा और पारदर्शिता के साथ कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी बताया कि जनगणना कार्य में लापरवाही पर तीन वर्ष की कैद और जुर्माने का प्रावधान है। तहसीलदार धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि प्रगणक मोबाइल ऐप के जरिए प्रत्येक मकान की मैपिंग, जियो-टैगिंग और डेटा एंट्री करेंगे। पर्यवेक्षक मोबाइल के माध्यम से उनके कार्य की निगरानी करेंगे। सभी प्रगति रिपोर्ट पोर्टल के जरिए तहसील, जिला और राज्य स्तर पर देखी जा सकेगी। यह प्री-टेस्ट उत्तर प्रदेश के तीन क्षेत्रों में आयोजित किया जा रहा है, जिनमें बुलंदशहर जिले की अनूपशहर तहसील, बहराइच की मिहींपुरवा तहसील और प्रयागराज नगर निगम के सात वार्ड शामिल हैं।
बहराइच के मिहींपुरवा में तीन दिवसीय प्रशिक्षण शुरू:54 गांवों डिजिटल सर्वे कराने की तैयारी, 430 प्रगणक-पर्यवेक्षक होंगे प्रशिक्षित
भारत की पहली डिजिटल जनगणना 2027 की तैयारियां शुरू हो गई हैं। इसके पहले चरण के तहत मकान सूचीकरण और गणना के पूर्व परीक्षण (प्री-टेस्ट) के लिए बहराइच की मिहींपुरवा तहसील को चुना गया है। इस प्रक्रिया के लिए 54 गांवों में डिजिटल सर्वे होगा, जिसके लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शनिवार को सर्वोदय इंटर कॉलेज मिहींपुरवा में शुरू हुआ। जनगणना निदेशालय के अधिकारी दो चरणों में लगभग 430 प्रगणक और पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे। यह प्रशिक्षण 11 बैचों में सुबह 9:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक चलेगा। प्री-टेस्ट के दौरान, 1 से 7 नवंबर तक चयनित गांवों के निवासी स्वयं अपनी गणना (सेल्फ एन्यूमरेशन) कर सकेंगे। इसके बाद, 10 से 30 नवंबर 2025 तक प्रगणक मोबाइल ऐप के माध्यम से घरों का डेटा एकत्र करेंगे। यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आधारित होगी। उपजिलाधिकारी मिहींपुरवा मोतीपुर, श्री रामदयाल ने प्रशिक्षण के उद्घाटन अवसर पर कहा कि जनगणना के आंकड़े ही विकास की नींव रखते हैं। उन्होंने सभी कर्मचारियों को पूर्ण निष्ठा और पारदर्शिता के साथ कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी बताया कि जनगणना कार्य में लापरवाही पर तीन वर्ष की कैद और जुर्माने का प्रावधान है। तहसीलदार धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि प्रगणक मोबाइल ऐप के जरिए प्रत्येक मकान की मैपिंग, जियो-टैगिंग और डेटा एंट्री करेंगे। पर्यवेक्षक मोबाइल के माध्यम से उनके कार्य की निगरानी करेंगे। सभी प्रगति रिपोर्ट पोर्टल के जरिए तहसील, जिला और राज्य स्तर पर देखी जा सकेगी। यह प्री-टेस्ट उत्तर प्रदेश के तीन क्षेत्रों में आयोजित किया जा रहा है, जिनमें बुलंदशहर जिले की अनूपशहर तहसील, बहराइच की मिहींपुरवा तहसील और प्रयागराज नगर निगम के सात वार्ड शामिल हैं।









































