बहराइच के पयागपुर गोंडा मार्ग पर स्थित समय माता मंदिर परिसर में सोमवार को पांच कुंडीय हवन और भंडारे का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में साधक क्रांतिवीर मिश्रा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में महिला-पुरुष श्रद्धालुओं और बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन पूजन से हुई। श्रद्धालुओं ने अग्नि में आहुति देकर सुख, समृद्धि और शांति की कामना की। अपने उद्बोधन में क्रांतिवीर मिश्रा ने कहा कि हवन भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। यह केवल एक धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि पर्यावरण शुद्धि, मानसिक शांति और आत्मिक बल का भी माध्यम है। उन्होंने बताया कि हवन में आहुति देने से नकारात्मकता का त्याग कर सकारात्मकता को अपनाने का संकल्प लिया जाता है। मिश्रा ने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ऐसे धार्मिक आयोजन समाज में एकता, सद्भाव और आस्था को मजबूत करते हैं। हवन-पूजन के बाद मंदिर परिसर में भंडारे का आयोजन किया गया। इसमें उपस्थित श्रद्धालुओं और बच्चों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान पूरा वातावरण ‘जय माता दी’ के जयकारों से गूंज उठा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजन समिति के छोटू पांडे, सुशील रावत, देवतादीन, डब्लू पाठक, महादेव जयसवाल, बदलूराम, अंकित अग्रवाल, गुड्डू शर्मा, हरिकेंस सिंह, सत्येंद्र सिंह चौहान, शानू शर्मा, जोगिंदर शर्मा, सोभित एवं दीनू माहेश्वरी सहित मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने सहयोग प्रदान किया।
पयागपुर समय माता मंदिर में पांच कुंडीय हवन: बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने पूजन कर प्रसाद ग्रहण किया – Payagpur News
बहराइच के पयागपुर गोंडा मार्ग पर स्थित समय माता मंदिर परिसर में सोमवार को पांच कुंडीय हवन और भंडारे का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में साधक क्रांतिवीर मिश्रा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में महिला-पुरुष श्रद्धालुओं और बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन पूजन से हुई। श्रद्धालुओं ने अग्नि में आहुति देकर सुख, समृद्धि और शांति की कामना की। अपने उद्बोधन में क्रांतिवीर मिश्रा ने कहा कि हवन भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। यह केवल एक धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि पर्यावरण शुद्धि, मानसिक शांति और आत्मिक बल का भी माध्यम है। उन्होंने बताया कि हवन में आहुति देने से नकारात्मकता का त्याग कर सकारात्मकता को अपनाने का संकल्प लिया जाता है। मिश्रा ने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ऐसे धार्मिक आयोजन समाज में एकता, सद्भाव और आस्था को मजबूत करते हैं। हवन-पूजन के बाद मंदिर परिसर में भंडारे का आयोजन किया गया। इसमें उपस्थित श्रद्धालुओं और बच्चों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान पूरा वातावरण ‘जय माता दी’ के जयकारों से गूंज उठा। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजन समिति के छोटू पांडे, सुशील रावत, देवतादीन, डब्लू पाठक, महादेव जयसवाल, बदलूराम, अंकित अग्रवाल, गुड्डू शर्मा, हरिकेंस सिंह, सत्येंद्र सिंह चौहान, शानू शर्मा, जोगिंदर शर्मा, सोभित एवं दीनू माहेश्वरी सहित मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने सहयोग प्रदान किया।









































