श्रावस्ती के भिनगा स्थित उर्मिला अस्पताल के डॉक्टर पर गंभीर चिकित्सीय लापरवाही का आरोप लगा है। सोनपुर निवासी मोहम्मद आजाद ने आरोप लगाया कि उनकी बहन हसीना का बच्चेदानी की गांठ का ऑपरेशन करने के बाद डॉक्टर ने शरीर के अंदर टांके नहीं लगाए, जिससे मरीज की हालत गंभीर हो गई। पीड़ित परिवार ने डीएम अश्वनी कुमार पांडेय को शिकायत पत्र सौंपते हुए संबंधित डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। परिजनों के अनुसार, हसीना को बच्चेदानी में गांठ की शिकायत थी। इलाज के लिए उसे 7 अक्टूबर 2025 को उर्मिला अस्पताल भिनगा में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर ने उसका ऑपरेशन कर बच्चेदानी निकाल दी। आरोप है कि ऑपरेशन के बाद केवल बाहरी टांके लगाए गए, जबकि अंदरूनी हिस्से में टांके नहीं लगाए गए। अगले दिन मरीज की हालत बिगड़ने लगी, जिसके बाद डॉक्टर ने उसे बहराइच के चंद्रा अस्पताल रेफर कर दिया। तीन दिन तक इलाज के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हुआ। बाद में मरीज को लखनऊ के फिजिशियन न्यूरोलॉजी अस्पताल ले जाया गया, जहां जांच में सामने आया कि अंदर टांके नहीं लगाए गए थे, जिसके चलते शरीर में खून और मवाद भर गया। परिजनों का कहना है कि इस लापरवाही के कारण मरीज की हालत अभी भी नाजुक है और अब तक इलाज पर करीब तीन लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। मोहम्मद आजाद ने यह भी आरोप लगाया कि ऑपरेशन करने वाला व्यक्ति वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहा था और उसके पास प्रमाणित चिकित्सकीय डिग्री नहीं है। उन्होंने डीएम से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने और दोषी डॉक्टर व अस्पताल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।









































