सिद्धार्थनगर जिले में 30 और 31 अक्टूबर को हुई भारी बारिश ने किसानों की फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचाया है। धान, आलू, लहसुन और सब्जियों सहित कई फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। खेतों में पानी भर जाने से कटाई के लिए तैयार फसलें सड़ गईं। किसानों की महीनों की मेहनत बर्बाद हो गई है। कई किसान अब कर्ज, लागत और नुकसान के दोहरे संकट का सामना कर रहे हैं, जिससे उनके लिए अगली बुवाई करना भी मुश्किल हो गया है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, सोमवार को जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष सोहेल अहमद के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सिद्धार्थनगर कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी से मुलाकात की। उन्होंने किसानों को तत्काल राहत देने की मांग की। कांग्रेस ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया कि यह नुकसान सिर्फ किसानों के लिए नहीं, बल्कि जिले की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा संकट है। नेताओं ने बताया कि धान कटाई के समय हुई अत्यधिक बारिश से फसलों का नुकसान प्रतिशत बहुत अधिक है। कांग्रेस ने जिला प्रशासन से त्वरित सर्वेक्षण कराने, नुकसान की वास्तविक मात्रा निर्धारित करने और प्रभावित किसानों को उनके नुकसान के अनुपात में मुआवजा दिलाने की मांग की। पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि मुआवजा प्रक्रिया में देरी हुई या किसानों को राहत नहीं मिली, तो वे सड़क पर उतरकर लोकतांत्रिक आंदोलन करेंगे।
सिद्धार्थनगर में भारी बारिश से फसलें तबाह:कांग्रेस ने DM से मुआवजे की मांग की, आंदोलन की चेतावनी
सिद्धार्थनगर जिले में 30 और 31 अक्टूबर को हुई भारी बारिश ने किसानों की फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचाया है। धान, आलू, लहसुन और सब्जियों सहित कई फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। खेतों में पानी भर जाने से कटाई के लिए तैयार फसलें सड़ गईं। किसानों की महीनों की मेहनत बर्बाद हो गई है। कई किसान अब कर्ज, लागत और नुकसान के दोहरे संकट का सामना कर रहे हैं, जिससे उनके लिए अगली बुवाई करना भी मुश्किल हो गया है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, सोमवार को जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष सोहेल अहमद के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सिद्धार्थनगर कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी से मुलाकात की। उन्होंने किसानों को तत्काल राहत देने की मांग की। कांग्रेस ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कहा गया कि यह नुकसान सिर्फ किसानों के लिए नहीं, बल्कि जिले की कृषि अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा संकट है। नेताओं ने बताया कि धान कटाई के समय हुई अत्यधिक बारिश से फसलों का नुकसान प्रतिशत बहुत अधिक है। कांग्रेस ने जिला प्रशासन से त्वरित सर्वेक्षण कराने, नुकसान की वास्तविक मात्रा निर्धारित करने और प्रभावित किसानों को उनके नुकसान के अनुपात में मुआवजा दिलाने की मांग की। पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि मुआवजा प्रक्रिया में देरी हुई या किसानों को राहत नहीं मिली, तो वे सड़क पर उतरकर लोकतांत्रिक आंदोलन करेंगे।









































