बलरामपुर के लखनीपुर में श्रीमद्भागवत कथा जारी:कृष्ण-रुक्मणी विवाह प्रसंग का वर्णन, श्रोता हुए मंत्रमुग्ध

4
Advertisement

हरैया सतघरवा के लखनीपुर गांव में चल रही संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा में अयोध्या धाम से आए कथावाचक पंडित रामतेज शास्त्री ने कृष्ण-रुक्मणी विवाह प्रसंग का वर्णन किया। इस दौरान श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। शास्त्री जी ने बताया कि भगवान कृष्ण का विवाह विदर्भ की राजकुमारी रुक्मणी से हुआ था। रुक्मणी को साक्षात मां लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। उनका विवाह पहले शिशुपाल से तय हुआ था। रुक्मणी ने गुप्त रूप से भगवान कृष्ण को संदेश भेजा और उनसे विवाह करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि यदि विवाह नहीं हुआ तो वह अपने प्राण त्याग देंगी। संदेश मिलने पर भगवान कृष्ण ने रुक्मणी का हरण किया। इसके बाद द्वारका में बड़े धूमधाम से उनका विवाह संपन्न हुआ, जिसमें सभी देवी-देवताओं ने आशीर्वाद दिया। कृष्ण विवाह के मंचन पर ‘जय जय गिरराज किशोरी जय महेश जय मुखचंद चकोरी, जय जगबदन खडानन माता’ जैसे गीत बजते ही पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया। कथा का आरंभ आयोजक कन्हैया लाल तिवारी ने कथा व्यास की आरती उतार कर किया। इस अवसर पर चंद्रमणि शुक्ला, प्रेमनारायण तिवारी, राकेश तिवारी, दीनबंधु तिवारी, सिपाही लाल, मनमोहन तिवारी और त्रियुगी प्रसाद द्विवेदी सहित कई श्रद्धालु मौजूद रहे।
यहां भी पढ़े:  नंद नगर जुम्मन डीह में कीचड़ की समस्या:हल्की बारिश से गांव में भर जाता है कीचड़, आवागमन बाधित
Advertisement