लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में 2 नवंबर 2025 को आयोजित दीक्षांत समारोह में डॉ. दावर हुसैन को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार अभियांत्रिकी विषय में डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई। वे ग्राम हल्लौर, तहसील डुमरियागंज के निवासी हैं। डॉ. हुसैन का शोध ‘अलग-अलग थ्रेशोल्डिंग का उपयोग करके स्थानिक-स्केल और स्थानिक आवृत्ति डोमेन में डी-नॉइज़िंग का विश्लेषण और कार्यान्वयन’ विषय पर केंद्रित था। उन्होंने डॉ. मोनावर आलम के निर्देशन में यह कार्य पूरा किया। उनके शोध का उद्देश्य वेवलेट और नॉन-सबसैंपल्ड कॉनटूर्लेट ट्रांसफॉर्म को प्रमुख घटक विश्लेषण के साथ जोड़कर एक प्रभावी छवि शोर निवारण ढांचा विकसित करना था। यह तकनीक विभिन्न प्रकार के शोर को कम करने के साथ-साथ चित्रों की संरचनात्मक बारीकियों और किनारों को सुरक्षित रखने में सहायक है। यह उपलब्धि विश्वविद्यालय और युवा शोधार्थियों दोनों के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। डॉ. हुसैन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट थॉमस स्कूल, हल्लौर, सिद्धार्थनगर से प्राप्त की। उन्होंने कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई एम.ए.आई.सी., क्वादिराबाद से पूरी की। उन्होंने बी.टेक. की उपाधि आज़ाद प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी संस्थान, लखनऊ से और एम.टेक. की उपाधि इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ से प्राप्त की। पूर्व में, उन्होंने अम्बालिका प्रबंधन एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, लखनऊ में सहायक प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष तथा एल.आई.टी., लखनऊ में व्याख्याता के रूप में सेवाएँ दी हैं। वर्तमान में, वे क्राइटेरियन टेक प्राइवेट लिमिटेड में फर्मवेयर अभियंता के पद पर कार्यरत हैं। अपनी इस उपलब्धि पर डॉ. दावर हुसैन ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, ‘यह सफलता अल्लाह की कृपा और शक्ति से मिली है। मैं अपने माता-पिता, मार्गदर्शक, विश्वविद्यालय प्रशासन, सभी अध्यापकों, सह-शोधकर्ताओं और मित्रों का हृदय से आभारी हूँ, जिनके सहयोग और दुआओं से यह यात्रा संभव हुई।’
हल्लौर निवासी को पीएचडी उपाधि मिली:इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में सम्मानित
लखनऊ की इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में 2 नवंबर 2025 को आयोजित दीक्षांत समारोह में डॉ. दावर हुसैन को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार अभियांत्रिकी विषय में डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई। वे ग्राम हल्लौर, तहसील डुमरियागंज के निवासी हैं। डॉ. हुसैन का शोध ‘अलग-अलग थ्रेशोल्डिंग का उपयोग करके स्थानिक-स्केल और स्थानिक आवृत्ति डोमेन में डी-नॉइज़िंग का विश्लेषण और कार्यान्वयन’ विषय पर केंद्रित था। उन्होंने डॉ. मोनावर आलम के निर्देशन में यह कार्य पूरा किया। उनके शोध का उद्देश्य वेवलेट और नॉन-सबसैंपल्ड कॉनटूर्लेट ट्रांसफॉर्म को प्रमुख घटक विश्लेषण के साथ जोड़कर एक प्रभावी छवि शोर निवारण ढांचा विकसित करना था। यह तकनीक विभिन्न प्रकार के शोर को कम करने के साथ-साथ चित्रों की संरचनात्मक बारीकियों और किनारों को सुरक्षित रखने में सहायक है। यह उपलब्धि विश्वविद्यालय और युवा शोधार्थियों दोनों के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। डॉ. हुसैन ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट थॉमस स्कूल, हल्लौर, सिद्धार्थनगर से प्राप्त की। उन्होंने कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई एम.ए.आई.सी., क्वादिराबाद से पूरी की। उन्होंने बी.टेक. की उपाधि आज़ाद प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी संस्थान, लखनऊ से और एम.टेक. की उपाधि इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ से प्राप्त की। पूर्व में, उन्होंने अम्बालिका प्रबंधन एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, लखनऊ में सहायक प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष तथा एल.आई.टी., लखनऊ में व्याख्याता के रूप में सेवाएँ दी हैं। वर्तमान में, वे क्राइटेरियन टेक प्राइवेट लिमिटेड में फर्मवेयर अभियंता के पद पर कार्यरत हैं। अपनी इस उपलब्धि पर डॉ. दावर हुसैन ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, ‘यह सफलता अल्लाह की कृपा और शक्ति से मिली है। मैं अपने माता-पिता, मार्गदर्शक, विश्वविद्यालय प्रशासन, सभी अध्यापकों, सह-शोधकर्ताओं और मित्रों का हृदय से आभारी हूँ, जिनके सहयोग और दुआओं से यह यात्रा संभव हुई।’









































