बस्ती में आर्य समाज नई बाजार बस्ती और आर्य वीर दल ने स्वामी दयानंद पूर्व माध्यमिक विद्यालय में महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, इतिहासकार और शिक्षाविद् भाई परमानन्द की जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक यज्ञ के साथ हुआ, जिसका संचालन आर्य समाज नई बाजार बस्ती के प्रधान ओम प्रकाश आर्य ने किया। ओम प्रकाश आर्य ने बताया कि भाई परमानन्द का जन्म 4 नवंबर 1876 को पंजाब (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ था। वे स्वामी दयानंद सरस्वती के विचारों से गहराई से प्रभावित थे और उन्होंने आर्य समाज के आदर्शों का प्रचार करते हुए राष्ट्रसेवा का मार्ग अपनाया। भाई परमानन्द एक प्रख्यात विद्वान, लेखक और स्वतंत्रता सेनानी थे, जिनके विचारों ने लाला हरदयाल, रास बिहारी बोस और भगत सिंह जैसे कई क्रांतिकारियों को प्रेरित किया। अंग्रेजों ने उन्हें फाँसी की सजा सुनाई थी, जिसे बाद में आजीवन कारावास में बदल दिया गया। उन्होंने अंडमान की सेल्युलर जेल में कठोर यातनाएँ सहीं, लेकिन उनका देशप्रेम और संकल्प अडिग रहा। कार्यक्रम में प्रधानाध्यापक आदित्यनारायण गिरि ने बच्चों को देश का भविष्य बताते हुए उनमें आत्म-अनुशासन और आत्मनिर्भरता की भावना विकसित करने के लिए स्वाध्याय की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने स्वाध्याय के साथ-साथ स्वच्छता के महत्व को भी रेखांकित किया। मुख्य अतिथि पुरानी बस्ती के थानाध्यक्ष महेश सिंह को अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया। उन्होंने उपस्थित लोगों को साइबर अपराध, त्वरित पुलिस सहायता और सुरक्षा हेल्पलाइन नंबरों के बारे में जानकारी दी। थानाध्यक्ष ने विद्यालय की शिक्षण और सांस्कृतिक गतिविधियों की सराहना भी की। दीप प्रज्वलन के बाद विद्यार्थियों ने स्वच्छता अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया और “मैं स्वच्छ रहूँगा, देश स्वच्छ रखूँगा” का संकल्प लिया। वक्ताओं ने इस बात पर बल दिया कि स्वच्छता केवल बाहरी नहीं, बल्कि मन, विचार और आचरण की भी होनी चाहिए। शिक्षक अनूप कुमार त्रिपाठी ने कहा कि स्वाध्याय से ज्ञान की रोशनी फैलती है और स्वच्छता से जीवन में पवित्रता आती है। कार्यक्रम के अंत में शिक्षकों और विद्यार्थियों ने भाई परमानन्द को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।









