डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर में फसल अवशेष प्रबंधन पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। भवानीगंज क्षेत्र के श्रीराम इंटर कॉलेज में बुधवार को कृषि विज्ञान केंद्र, सोहना के तत्वावधान में यह कार्यक्रम हुआ। इसमें छात्रों के लिए निबंध, कला और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। निबंध प्रतियोगिता में पलक जायसवाल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि कौशल द्वितीय और शिवम सोनी तृतीय स्थान पर रहे। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में सचिन सिद्धार्थ प्रथम, कविता वर्मा द्वितीय और अंशिका तिवारी तृतीय रहीं। वहीं, पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रिया भट्ट ने पहला स्थान हासिल किया, जबकि कनीज फातिमा द्वितीय और रीता तृतीय रहीं। सभी विजेता प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शेष नारायण सिंह ने फसल अवशेष जलाने के दुष्प्रभावों पर विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि अवशेष जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है, मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट होते हैं और सूक्ष्म जीव मर जाते हैं, जिससे मृदा की उर्वरता प्रभावित होती है। बीज वैज्ञानिक डॉ. सर्वजीत ने फसल अवशेष प्रबंधन के लाभों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इससे जैविक पदार्थ बढ़ने से मृदा संरचना में सुधार होता है और उत्पादन क्षमता बढ़ती है। वैज्ञानिक डॉ. प्रवेश कुमार देहाती ने फसल अवशेष के विकल्पों पर प्रकाश डाला, जैसे पशु चारे में उपयोग, डीकंपोजर से सड़ाना, तथा सुपर सीडर और हैप्पी सीडर जैसे आधुनिक कृषि यंत्रों से प्रबंधन। उद्यान वैज्ञानिक डॉ. प्रवीण कुमार मिश्र ने किसानों को खरपतवार नियंत्रण के लिए मल्चिंग के रूप में फसल अवशेष के उपयोग की सलाह दी। इस अवसर पर दीप नारायण सिंह, सूर्यप्रकाश श्रीवास्तव, प्रधानाचार्य आफताब खान, आलोक पांडेय, सुजीत पांडेय, शिवांगी श्रीवास्तव, सूर्यभान, ओमकार, जितेंद्र, अंकिता यादव, रीमा वर्मा, आंचल सहित विद्यालय के शिक्षक और छात्र उपस्थित रहे।
फसल अवशेष प्रबंधन पर जागरूकता प्रतियोगिता:पलक जायसवाल और प्रिया भट्ट ने जीते निबंध, पेंटिंग मुकाबले
डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर में फसल अवशेष प्रबंधन पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। भवानीगंज क्षेत्र के श्रीराम इंटर कॉलेज में बुधवार को कृषि विज्ञान केंद्र, सोहना के तत्वावधान में यह कार्यक्रम हुआ। इसमें छात्रों के लिए निबंध, कला और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। निबंध प्रतियोगिता में पलक जायसवाल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि कौशल द्वितीय और शिवम सोनी तृतीय स्थान पर रहे। प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में सचिन सिद्धार्थ प्रथम, कविता वर्मा द्वितीय और अंशिका तिवारी तृतीय रहीं। वहीं, पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रिया भट्ट ने पहला स्थान हासिल किया, जबकि कनीज फातिमा द्वितीय और रीता तृतीय रहीं। सभी विजेता प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और ट्रॉफी देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. शेष नारायण सिंह ने फसल अवशेष जलाने के दुष्प्रभावों पर विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि अवशेष जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है, मिट्टी के पोषक तत्व नष्ट होते हैं और सूक्ष्म जीव मर जाते हैं, जिससे मृदा की उर्वरता प्रभावित होती है। बीज वैज्ञानिक डॉ. सर्वजीत ने फसल अवशेष प्रबंधन के लाभों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इससे जैविक पदार्थ बढ़ने से मृदा संरचना में सुधार होता है और उत्पादन क्षमता बढ़ती है। वैज्ञानिक डॉ. प्रवेश कुमार देहाती ने फसल अवशेष के विकल्पों पर प्रकाश डाला, जैसे पशु चारे में उपयोग, डीकंपोजर से सड़ाना, तथा सुपर सीडर और हैप्पी सीडर जैसे आधुनिक कृषि यंत्रों से प्रबंधन। उद्यान वैज्ञानिक डॉ. प्रवीण कुमार मिश्र ने किसानों को खरपतवार नियंत्रण के लिए मल्चिंग के रूप में फसल अवशेष के उपयोग की सलाह दी। इस अवसर पर दीप नारायण सिंह, सूर्यप्रकाश श्रीवास्तव, प्रधानाचार्य आफताब खान, आलोक पांडेय, सुजीत पांडेय, शिवांगी श्रीवास्तव, सूर्यभान, ओमकार, जितेंद्र, अंकिता यादव, रीमा वर्मा, आंचल सहित विद्यालय के शिक्षक और छात्र उपस्थित रहे।









































