अयोध्या के आचार्य नरेंद्र देव कृषि-प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज की ओर से संचालित कृषि विज्ञान केंद्र, बस्ती में ‘आर्या परियोजना’ के तहत सात दिवसीय बकरी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है। इस रोजगारपरक प्रशिक्षण का उद्देश्य युवाओं को कृषि क्षेत्र में बनाए रखना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। प्रशिक्षण के चौथे दिन प्रभारी अधिकारी एवं कोर्स कोऑर्डिनेटर डॉ. पी.के. मिश्रा ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार का लक्ष्य ग्रामीण स्तर पर बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार उपलब्ध कराना है। इससे शहरों की ओर बढ़ रहे पलायन को रोका जा सकेगा। उन्होंने बताया कि बकरी पालन आज के समय में भूमिहीन गरीबों के लिए एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है। पशु चिकित्सा अधिकारी, कप्तानगंज के डॉ. नजमुल ने प्रशिक्षणार्थियों को बकरी के प्रमुख रोगों जैसे खुरपका-मुंहपका (एफएमडी), प्लेग (पीपीआर) और एंटरोटोक्सीमिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इन रोगों की रोकथाम के लिए समय-समय पर टीकाकरण, कृमिनाशक दवा के उपयोग, साफ-सफाई और नियमित निरीक्षण के साथ-साथ बीमार बकरी को अलग रखने की सलाह दी। वैज्ञानिक (पौध संरक्षण) डॉ. प्रेम शंकर ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र, बस्ती के निरंतर प्रयासों से जनपद के 14 विकासखंडों में बड़े पैमाने पर बकरी पालन किया जा रहा है। प्रशिक्षण और प्रदर्शन के माध्यम से सैकड़ों किसान और युवा अच्छी आय प्राप्त कर अपना जीवनयापन कर रहे हैं। केंद्र के वैज्ञानिक वी.बी. सिंह ने बकरी पालन में आय-व्यय के प्रबंधन पर विस्तृत जानकारी दी। प्रसार वैज्ञानिक आर.बी. सिंह ने बकरी के लिए भवन निर्माण और उसके रखरखाव के बारे में बताया। गृह विज्ञान वैज्ञानिक डॉ. अंजलि वर्मा ने आहार एवं पोषण प्रबंधन पर जोर देते हुए हरे चारे (बरसीम, नेपियर, लोबिया, ज्वार), सूखे चारे (भूसा, सूखी घास), दाना मिश्रण (मक्का, जौ, चोकर, खली), खनिज मिश्रण और नमक के महत्व के साथ-साथ स्वच्छ पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा।
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