रिपोर्ट: हेमंत कुमार दुबे।
महाराजगंज। जिले में नारायणी नहर की देवरियां शाखा पर स्थित सिधावे पुल अब सिर्फ एक रास्ता नहीं रहा, बल्कि एक ऐसा आकर्षक केंद्र बन गया है जहाँ से गुज़रने वाला हर शख्स एक पल के लिए रुकने को मजबूर है। इस भव्य परिवर्तन के पीछे हैं सिधावे ग्राम के कर्मठ ग्राम प्रधान गिरिजेश पटेल, जिन्होंने लाखों रुपये की लागत और दूरदर्शिता से एक साधारण पीपल के वृक्ष को गाँव के गौरव और आकर्षण के केंद्र-बिंदु में बदल दिया है।
लाखों की लागत से भव्य ‘चौतरा’ और पेंटिंग का जादू
प्रधान गिरिजेश पटेल का सपना था कि इस प्राचीन और विशाल पीपल को एक नया जीवन दिया जाए। उन्होंने न केवल इस वृक्ष के चारों ओर एक भव्य चौतरा (चबूतरा) बनवाया, बल्कि उसे चमकदार स्टील की रेलिंग से सजाकर एक आधुनिक और सुरक्षित रूप दिया।
इस ‘पीपल वंडरलैंड‘ में चार चाँद लगाए हैं खोन्हौली निवासी एक कुशल पेंटर संजय पटेल की हस्तकला ने। उन्होंने अपनी कलाकारी से इस पीपल के तने पर ऐसी मंत्रमुग्ध कर देने वाली पेंटिंग उकेरी है, जो इसे दिन के उजाले में भी एक कलाकृति जैसा बना देती है।
शाम होते ही रंगीन रोशनी में नहाया ‘आकर्षण का केंद्र’
इस स्थल की असली भव्यता शाम ढलते ही देखने को मिलती है। जब रंग-बिरंगी एलईडी लाइट्स जल उठती हैं, तो पूरा स्थल एक जादुई नज़ारे में बदल जाता है। निचलौल-चिउटहाँ रोड़ पर सिधावे पुल से गुज़रने वाले राहगीर इस अद्भुत दृश्य को देखने और सेल्फी लेने के लिए उमड़ पड़ते हैं। यह स्थान अब अनजाने में ही महाराजगंज का नया सेल्फी पॉइंट बन चुका है। ग्राम प्रधान गिरिजेश पटेल ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “बहुत दिनों से हमारा यह सपना था कि इस भव्य पीपल के वृक्ष को एक आकर्षण का केंद्र बिंदु बनाया जाए, जो आज पूरा हो गया है। जब राहगीर यहाँ आते हैं, विश्राम करते हैं और सुंदरता की तारीफ़ करते हैं, तो देखकर मन आत्म-संतोष से भर जाता है।”
सिधावे का यह पीपल का वृक्ष अब केवल एक धार्मिक स्थान नहीं, बल्कि ग्राम विकास की सोच और जन-सहयोग का एक जीवंत प्रतीक बन गया है, जो रात-दिन आने-जाने वाले हर मुसाफ़िर को एक खुशनुमा पल और विश्राम का मौका दे रहा है।