सिद्धार्थनगर जिले के खेसरहा क्षेत्र स्थित बंजरहा बुजुर्ग गांव के समय माता मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। सुबह से ही दूर-दूर से भक्त माता के दर्शन और पूजन-अर्चन के लिए पहुंच रहे थे। मंदिर परिसर ‘जय माता दी’ के जयकारों से गूंज उठा। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में माता को पक्की कड़ाही चढ़ाकर अपनी मनोकामनाएं मांग रही थीं। भक्तों ने माता की आरती उतारी और प्रसाद भी चढ़ाया। ग्रामवासियों और युवा समिति ने श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद, जल और विश्राम की उचित व्यवस्था की थी। इस अवसर पर सेमरा निवासी मनीष शुक्ल ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा पर माता की आराधना से जीवन में सुख-शांति मिलती है। टीकूर के बैजनाथ सैनी ने बताया कि यह स्थल श्रद्धा और आस्था का केंद्र है, जहां हर वर्ष हजारों लोग आते हैं। सॅगलदीप के शैलेष यादव ने कहा कि यहां पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। बंजरहा के संजय यादव ने बताया कि समय माता के आशीर्वाद से गांव में सद्भाव और समृद्धि बनी रहती है। ग्राम के वरिष्ठ नागरिकों के अनुसार, यह स्थान अत्यंत प्राचीन है और यहां हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर विशेष पूजा का आयोजन होता है। प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए उचित इंतजाम किए थे।
सिद्धार्थनगर के समय माता मंदिर में उमड़ी भीड़:कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना
सिद्धार्थनगर जिले के खेसरहा क्षेत्र स्थित बंजरहा बुजुर्ग गांव के समय माता मंदिर में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। सुबह से ही दूर-दूर से भक्त माता के दर्शन और पूजन-अर्चन के लिए पहुंच रहे थे। मंदिर परिसर ‘जय माता दी’ के जयकारों से गूंज उठा। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में माता को पक्की कड़ाही चढ़ाकर अपनी मनोकामनाएं मांग रही थीं। भक्तों ने माता की आरती उतारी और प्रसाद भी चढ़ाया। ग्रामवासियों और युवा समिति ने श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद, जल और विश्राम की उचित व्यवस्था की थी। इस अवसर पर सेमरा निवासी मनीष शुक्ल ने कहा कि कार्तिक पूर्णिमा पर माता की आराधना से जीवन में सुख-शांति मिलती है। टीकूर के बैजनाथ सैनी ने बताया कि यह स्थल श्रद्धा और आस्था का केंद्र है, जहां हर वर्ष हजारों लोग आते हैं। सॅगलदीप के शैलेष यादव ने कहा कि यहां पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। बंजरहा के संजय यादव ने बताया कि समय माता के आशीर्वाद से गांव में सद्भाव और समृद्धि बनी रहती है। ग्राम के वरिष्ठ नागरिकों के अनुसार, यह स्थान अत्यंत प्राचीन है और यहां हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा पर विशेष पूजा का आयोजन होता है। प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा और व्यवस्था के लिए उचित इंतजाम किए थे।









































