बहराइच नगर के पीपल चौराहे स्थित गुरुद्वारा साहिब में श्री गुरु नानक देव जी का पावन प्रकाश पर्व बड़ी श्रद्धा और प्रेम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर शबद कीर्तन, लंगर सेवा और भक्तिमय वातावरण देखने को मिला। हजारों श्रद्धालुओं के साथ बहराइच के सांसद आनंद गौड़ ने भी श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को माथा टेका। गुरुद्वारा परिसर आनंदमय था, जहां महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग लंगर सेवा में लगे थे। मनमोहक सजावट और भक्तिमय कीर्तन दरबार ने माहौल को और भी दिव्य बना दिया। केसरी पग पहने और ऊंच-नीच का भेदभाव मिटाकर हर धर्म के लोग एक साथ लंगर करते दिखे, जो गुरु नानक देव जी के उपदेशों का प्रतीक था। शिरोमणि गुरुद्वारा अमृतसर साहिब से आए जत्था भाई दिलप्रीत सिंह और हजूरी रागी फतेह सिंह ने शबद कीर्तन से संगत को निहाल किया। उनके मधुर भजनों ने श्रद्धालुओं को भक्तिभाव से भर दिया। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष मनदीप सिंह वालिया ने बताया कि सिखों के प्रथम गुरु और सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन ननकाना साहिब में हुआ था। उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त कर मानवता को सबसे बड़ा धर्म बताया। गुरु नानक देव जी ने ही ‘सच्चा सौदा’ कर लंगर प्रथा की शुरुआत की थी। आज भी गुरु के सिख समाज सेवा में अग्रणी रहते हैं। कहीं भी आपदा या विपत्ति आने पर वे लंगर लगाकर और हर तरह की सेवा से गुरु नानक देव जी महाराज के उपदेशों का पालन करते हैं। इस अवसर पर सांसद आनंद गौड़ गुरु घर पहुंचे और माथा टेका। सिख समाज की ओर से विभिन्न गुरुद्वारों से आए मुख्य सेवादारों हरप्रीत सिंह, लखबीर सिंह, उदल सिंह, लाल सिंह, जितेंद्र सिंह, बसंत सिंह और सांसद आनंद गौड़ को हेडग्रंथी जी द्वारा सिरोपा देकर सम्मानित किया गया। मटेरा, हीरासिंहपुरवा, डीहवा, गौरा, धनौली, पयागपुर, फखरपुर, मिहिंपुरवा, बसंतापुर और सिक्खनपुरवा सहित विभिन्न स्थानों से बड़ी संख्या में संगत गुरु पर्व में शामिल हुई।
गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व: बहराइच में श्रद्धा से मना, सांसद आनंद गौड़ ने टेका माथा – Bahraich News
बहराइच नगर के पीपल चौराहे स्थित गुरुद्वारा साहिब में श्री गुरु नानक देव जी का पावन प्रकाश पर्व बड़ी श्रद्धा और प्रेम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर शबद कीर्तन, लंगर सेवा और भक्तिमय वातावरण देखने को मिला। हजारों श्रद्धालुओं के साथ बहराइच के सांसद आनंद गौड़ ने भी श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को माथा टेका। गुरुद्वारा परिसर आनंदमय था, जहां महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग लंगर सेवा में लगे थे। मनमोहक सजावट और भक्तिमय कीर्तन दरबार ने माहौल को और भी दिव्य बना दिया। केसरी पग पहने और ऊंच-नीच का भेदभाव मिटाकर हर धर्म के लोग एक साथ लंगर करते दिखे, जो गुरु नानक देव जी के उपदेशों का प्रतीक था। शिरोमणि गुरुद्वारा अमृतसर साहिब से आए जत्था भाई दिलप्रीत सिंह और हजूरी रागी फतेह सिंह ने शबद कीर्तन से संगत को निहाल किया। उनके मधुर भजनों ने श्रद्धालुओं को भक्तिभाव से भर दिया। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष मनदीप सिंह वालिया ने बताया कि सिखों के प्रथम गुरु और सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन ननकाना साहिब में हुआ था। उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त कर मानवता को सबसे बड़ा धर्म बताया। गुरु नानक देव जी ने ही ‘सच्चा सौदा’ कर लंगर प्रथा की शुरुआत की थी। आज भी गुरु के सिख समाज सेवा में अग्रणी रहते हैं। कहीं भी आपदा या विपत्ति आने पर वे लंगर लगाकर और हर तरह की सेवा से गुरु नानक देव जी महाराज के उपदेशों का पालन करते हैं। इस अवसर पर सांसद आनंद गौड़ गुरु घर पहुंचे और माथा टेका। सिख समाज की ओर से विभिन्न गुरुद्वारों से आए मुख्य सेवादारों हरप्रीत सिंह, लखबीर सिंह, उदल सिंह, लाल सिंह, जितेंद्र सिंह, बसंत सिंह और सांसद आनंद गौड़ को हेडग्रंथी जी द्वारा सिरोपा देकर सम्मानित किया गया। मटेरा, हीरासिंहपुरवा, डीहवा, गौरा, धनौली, पयागपुर, फखरपुर, मिहिंपुरवा, बसंतापुर और सिक्खनपुरवा सहित विभिन्न स्थानों से बड़ी संख्या में संगत गुरु पर्व में शामिल हुई।








































