बदलते मौसम में हार्ट और हैमरेज का खतरा बढ़ा:मुंडेरवा में सर्दी-जुकाम, बुखार और वायरल संक्रमण के मरीज भी बढ़े

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मुंडेरवा, बस्ती मौसम में बदलाव का असर अब स्वास्थ्य पर दिखने लगा है। रात के तापमान में गिरावट के साथ ही हार्ट, हैमरेज, सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार और वायरल संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके अलावा शरीर दर्द, दस्त, उल्टी, गले में खराश और त्वचा संबंधी समस्याएं भी सामने आ रही हैं। बुधवार को दोपहर 12 बजे तक मेडिसिन ओपीडी में 132 मरीज देखे गए। मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. बी.एल. कनौजिया ने बताया कि मौसम में बदलाव के साथ वायरल और दिल के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि सुबह और शाम को मौसम ठंडा होने लगा है। बस्ती मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा इकाई ओपेक हॉस्पिटल कैली के ओपीडी मेडिसिन विभाग में रोजाना 10 से 20 दिल के मरीज पहुंच रहे हैं, जबकि सामान्य दिनों में यह संख्या 5 से 7 ही रहती थी। चिकित्सकों के अनुसार, सर्दी में रक्त वाहिनियां संकरी हो जाती हैं, जिससे रक्तचाप सामान्य से कुछ ज्यादा रहता है। यह स्थिति दिल के मरीजों के लिए परेशानी का कारण बनती है। जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल बढ़ा रहता है, उनके लिए यह मौसम अधिक खतरनाक है। ऐसे रोगियों को घबराहट, उच्च रक्तचाप, सीने में दर्द, जकड़न, सांस फूलना, अचानक पसीना आना और ठंड लगने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। फिजिशियन डॉ. बी.एल. कनौजिया का कहना है कि इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तत्काल चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। दिल के मरीजों को नियमित रूप से अपनी दवाएं लेनी चाहिए और समय-समय पर जांच करानी चाहिए। उन्होंने सुबह और शाम के समय घर से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी। डॉ. कनौजिया ने बताया कि पिछले दिनों की तुलना में मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। बचाव के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है। सुबह जल्दी उठकर नहाने से बचें, गर्म पानी का सेवन करें और दवाएं लेते रहें। गर्म कपड़े पहनें और सिर व मुंह को ढककर रखें। कम से कम दो से तीन घंटे धूप लें। तैलीय, अधिक नमक और मिर्च-मसालों से बने भोजन से बचें। धूम्रपान और शराब से दूरी बनाएं तथा गर्म भोजन का सेवन करें।

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