श्रावस्ती जिले के सोनवा थाना क्षेत्र और आसपास के कई गांवों में किसानों की ओर पराली जलाने का सिलसिला लगातार जारी है। खेतों में पराली जलाने से वातावरण में घना धुआं फैल रहा है, जिससे वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ गया है। इस कारण ग्रामीण इलाकों में सुबह और शाम के समय धुंध की मोटी परत छाने लगी है। स्थानीय लोगों को सांस लेने में परेशानी और आंखों में जलन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, पराली जलाने से कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसी हानिकारक गैसें निकलती हैं। ये गैसें न केवल पर्यावरण को प्रदूषित करती हैं, बल्कि मानव स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डालती हैं। इन गैसों के कारण सांस की बीमारियां, एलर्जी, आंखों में जलन और हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। प्रशासन ने किसानों से पराली न जलाने की अपील की है। इसके विकल्प के तौर पर पराली को खाद बनाने, जैविक उपयोग करने या मशीनों की मदद से मिट्टी में मिलाने जैसे उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।








