बलरामपुर जिले में कार्तिक पूर्णिमा मेले के अवसर पर बुधवार को सेमरहवा सीमा चौकी के सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवानों ने मानवता का परिचय देते हुए एक नेपाली बालक की जान बचाई। यह घटना दोपहर लगभग 2 बजे गोरिया नदी में हुई, जब गश्ती दल ने एक बच्चे को डूबते देखा। जानकारी के अनुसार, सेमरहवा सीमा चौकी से लगभग 500 मीटर और पिलर संख्या 566 से करीब 100 मीटर की दूरी पर स्थित गोरिया नदी में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए भारी भीड़ जमा थी। इसी दौरान नेपाल के कृष्णानगर, जिला कपिलवस्तु निवासी 11 वर्षीय विजय प्रकटा पुत्र अजय प्रकटा पानी में डूबने लगा। एसएसबी जवानों ने तत्काल नदी में कूदकर बालक को सुरक्षित बाहर निकाला। उस समय बालक की स्थिति गंभीर थी और उसके पेट में पानी भर गया था। जवानों ने मौके पर ही प्राथमिक उपचार प्रदान किया और पानी निकालकर उसकी स्थिति को स्थिर किया। प्राथमिक उपचार के बाद, बालक को नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) की मौजूदगी में उसके परिजनों को सौंप दिया गया। वर्तमान में बालक पूरी तरह सुरक्षित है और उसकी हालत सामान्य बताई जा रही है। इस मानवीय कार्य की स्थानीय लोगों ने सराहना की। ग्रामीणों ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल के जवान न केवल देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर मानवीय सहायता भी प्रदान करते हैं।
एसएसबी जवानों ने गोरिया नदी में डूबते बच्चे को बचाया:बहराइच में कार्तिक पूर्णिमा मेले में हुआ हादसा; नेपाली बालक की हालत स्थिर
बलरामपुर जिले में कार्तिक पूर्णिमा मेले के अवसर पर बुधवार को सेमरहवा सीमा चौकी के सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवानों ने मानवता का परिचय देते हुए एक नेपाली बालक की जान बचाई। यह घटना दोपहर लगभग 2 बजे गोरिया नदी में हुई, जब गश्ती दल ने एक बच्चे को डूबते देखा। जानकारी के अनुसार, सेमरहवा सीमा चौकी से लगभग 500 मीटर और पिलर संख्या 566 से करीब 100 मीटर की दूरी पर स्थित गोरिया नदी में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए भारी भीड़ जमा थी। इसी दौरान नेपाल के कृष्णानगर, जिला कपिलवस्तु निवासी 11 वर्षीय विजय प्रकटा पुत्र अजय प्रकटा पानी में डूबने लगा। एसएसबी जवानों ने तत्काल नदी में कूदकर बालक को सुरक्षित बाहर निकाला। उस समय बालक की स्थिति गंभीर थी और उसके पेट में पानी भर गया था। जवानों ने मौके पर ही प्राथमिक उपचार प्रदान किया और पानी निकालकर उसकी स्थिति को स्थिर किया। प्राथमिक उपचार के बाद, बालक को नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) की मौजूदगी में उसके परिजनों को सौंप दिया गया। वर्तमान में बालक पूरी तरह सुरक्षित है और उसकी हालत सामान्य बताई जा रही है। इस मानवीय कार्य की स्थानीय लोगों ने सराहना की। ग्रामीणों ने कहा कि सीमा सुरक्षा बल के जवान न केवल देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर मानवीय सहायता भी प्रदान करते हैं।









































