बलरामपुर के संयुक्त जिला चिकित्सालय में एक गर्भवती महिला को जटिल प्रसव के दौरान अस्पताल से बाहर भेजे जाने का मामला सामने आया है। जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। जिलाधिकारी के निर्देश पर अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजकुमार वर्मा ने महिला सर्जन डॉ. मेधावी सिंह, एलएमओ और प्रसव कक्ष के अन्य कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है। उनसे दो दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। सीएमएस ने कहा कि जांच में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह घटना पिछले सोमवार दोपहर की है। कल्याणनगर अमरहवा गांव के निवासी मन्नू लाल अपनी प्रसव पीड़ा से जूझ रही पत्नी मिट्ठू देवी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे। परिजनों का आरोप है कि शुरुआत में चिकित्सकों ने मरीज की स्थिति सामान्य बताई, लेकिन कुछ समय बाद महिला चिकित्सक ने प्रसव को जटिल बताते हुए मरीज को अस्पताल से बाहर भेज दिया। मन्नू लाल ने बताया कि उनकी पत्नी को व्हीलचेयर पर बैठाकर बाहर किया गया और कागजों पर हस्ताक्षर करने को कहा गया। उन्होंने चिकित्सक पर आर्थिक लाभ के लिए दबाव डालने का भी आरोप लगाया। परिजनों का दावा है कि इससे पहले भी प्रसव के दौरान उनसे आठ हजार रुपये की मांग की गई थी। यह घटना उस समय हुई जब अस्पताल में सीआरएम टीम, विभागीय अधिकारी और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य निरीक्षण पर मौजूद थे। इसके बावजूद किसी को इस प्रकरण की जानकारी नहीं हो सकी। मामला सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद प्रशासन सक्रिय हुआ। सीएमएस डॉ. वर्मा ने कहा, “अस्पताल की गरिमा और मरीजों की सुरक्षा सर्वोपरि है। जो भी कर्मचारी या चिकित्सक दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई तय है।”
बलरामपुर में गर्भवती महिला को अस्पताल से बाहर भेजा:डीएम ने सीएमएस को जांच कर कार्रवाई के दिए निर्देश
बलरामपुर के संयुक्त जिला चिकित्सालय में एक गर्भवती महिला को जटिल प्रसव के दौरान अस्पताल से बाहर भेजे जाने का मामला सामने आया है। जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। जिलाधिकारी के निर्देश पर अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजकुमार वर्मा ने महिला सर्जन डॉ. मेधावी सिंह, एलएमओ और प्रसव कक्ष के अन्य कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है। उनसे दो दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। सीएमएस ने कहा कि जांच में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह घटना पिछले सोमवार दोपहर की है। कल्याणनगर अमरहवा गांव के निवासी मन्नू लाल अपनी प्रसव पीड़ा से जूझ रही पत्नी मिट्ठू देवी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे थे। परिजनों का आरोप है कि शुरुआत में चिकित्सकों ने मरीज की स्थिति सामान्य बताई, लेकिन कुछ समय बाद महिला चिकित्सक ने प्रसव को जटिल बताते हुए मरीज को अस्पताल से बाहर भेज दिया। मन्नू लाल ने बताया कि उनकी पत्नी को व्हीलचेयर पर बैठाकर बाहर किया गया और कागजों पर हस्ताक्षर करने को कहा गया। उन्होंने चिकित्सक पर आर्थिक लाभ के लिए दबाव डालने का भी आरोप लगाया। परिजनों का दावा है कि इससे पहले भी प्रसव के दौरान उनसे आठ हजार रुपये की मांग की गई थी। यह घटना उस समय हुई जब अस्पताल में सीआरएम टीम, विभागीय अधिकारी और मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य निरीक्षण पर मौजूद थे। इसके बावजूद किसी को इस प्रकरण की जानकारी नहीं हो सकी। मामला सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद प्रशासन सक्रिय हुआ। सीएमएस डॉ. वर्मा ने कहा, “अस्पताल की गरिमा और मरीजों की सुरक्षा सर्वोपरि है। जो भी कर्मचारी या चिकित्सक दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई तय है।”









































