हरैया विकासखंड की परसपुर कमदा ग्राम पंचायत में लाखों रुपये की लागत से निर्मित ग्राम सचिवालय महीनों से बंद पड़ा है। इसके चलते ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं और विकास संबंधी जानकारियों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पंचायत विभाग ने ग्रामीणों को विकास संबंधी जानकारी और विभिन्न योजनाओं का लाभ आसानी से उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ग्राम सचिवालयों की स्थापना की थी। इन सचिवालयों का मुख्य लक्ष्य अधिकारियों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना और ग्रामीणों को अनावश्यक भटकने से बचाना था। हालांकि, परसपुर कमदा में यह योजना केवल कागजों तक ही सीमित प्रतीत हो रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां का पंचायत सचिवालय कभी-कभार ही खुलता है। यहां न तो अधिकारी नियमित रूप से उपस्थित रहते हैं और न ही ग्राम सचिव उपलब्ध होते हैं। इस स्थिति के कारण, ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने या अन्य विकास संबंधी कार्यों के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों में भटकना पड़ता है। ग्राम पंचायत सदस्य ईश्वर शरण ने बताया कि उन्हें भी सचिवालय के खुलने का समय या ग्राम पंचायत की बैठकों की जानकारी नहीं मिल पाती है। उन्होंने पंचायत के संचालन पर गंभीर चिंता व्यक्त की। ग्रामीण विनय, नान बाबू, दीपक और सरोज कुमार ने भी इस बात की पुष्टि की है कि सचिवालय शायद ही कभी खुलता है और ग्राम पंचायत अधिकारी भी यदा-कदा ही दिखाई देते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से सचिवालय को नियमित रूप से खोलने की मांग की है। इस मामले पर खंड विकास अधिकारी ने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
परसपुर कमदा पंचायत सचिवालय महीनों से बंद:ग्रामीणों बोले- नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ, समय पर खोलने की मांग
हरैया विकासखंड की परसपुर कमदा ग्राम पंचायत में लाखों रुपये की लागत से निर्मित ग्राम सचिवालय महीनों से बंद पड़ा है। इसके चलते ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं और विकास संबंधी जानकारियों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पंचायत विभाग ने ग्रामीणों को विकास संबंधी जानकारी और विभिन्न योजनाओं का लाभ आसानी से उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ग्राम सचिवालयों की स्थापना की थी। इन सचिवालयों का मुख्य लक्ष्य अधिकारियों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना और ग्रामीणों को अनावश्यक भटकने से बचाना था। हालांकि, परसपुर कमदा में यह योजना केवल कागजों तक ही सीमित प्रतीत हो रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां का पंचायत सचिवालय कभी-कभार ही खुलता है। यहां न तो अधिकारी नियमित रूप से उपस्थित रहते हैं और न ही ग्राम सचिव उपलब्ध होते हैं। इस स्थिति के कारण, ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने या अन्य विकास संबंधी कार्यों के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों में भटकना पड़ता है। ग्राम पंचायत सदस्य ईश्वर शरण ने बताया कि उन्हें भी सचिवालय के खुलने का समय या ग्राम पंचायत की बैठकों की जानकारी नहीं मिल पाती है। उन्होंने पंचायत के संचालन पर गंभीर चिंता व्यक्त की। ग्रामीण विनय, नान बाबू, दीपक और सरोज कुमार ने भी इस बात की पुष्टि की है कि सचिवालय शायद ही कभी खुलता है और ग्राम पंचायत अधिकारी भी यदा-कदा ही दिखाई देते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से सचिवालय को नियमित रूप से खोलने की मांग की है। इस मामले पर खंड विकास अधिकारी ने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।









































