बहराइच के विशेश्वरगंज क्षेत्र स्थित ग्राम सभा सुल्तानामाफी में चल रहे श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन मंगलवार को कथाव्यास पंडित प्रभाकर ओझा ने ध्रुव चरित्र की कथा सुनाई। पंडित ओझा ने ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि राजा उत्तानपाद के पुत्र ध्रुव अपनी सौतेली मां सूरुचि के तानों से दुखी होकर केवल पांच वर्ष की आयु में भगवान विष्णु की आराधना के लिए वन चले गए थे। उन्होंने कठोर तपस्या कर ध्रुव पद प्राप्त किया, जो अडिगता, भक्ति और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। कथाव्यास ने कहा कि ध्रुव की यह कथा हमें संदेश देती है कि सच्चे मन से की गई भक्ति और अटूट विश्वास से ईश्वर अवश्य प्रसन्न होते हैं। इस अवसर पर मुख्य यजमान ऊषा तिवारी, आयोजक अशोक तिवारी, विजय तिवारी और अजय तिवारी (पुत्रगण) उपस्थित रहे। यज्ञाचार्य अंकित तिवारी ने वैदिक मंत्रोच्चार से वातावरण को पवित्र किया। कथा स्थल पर सुमित, आर्यन, प्रिंस, कान्हा, अंश, सृष्टि सहित कई भक्तगण कथा श्रवण में लीन दिखे। कथा के समापन पर भजन कीर्तन और प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामवासी शामिल हुए।
सुल्तानामाफी में श्रीमद्भागवत कथा का चौथा दिन: कथाव्यास ने कहा- सच्चे मन से की गई भक्ति से ईश्वर अवश्य प्रसन्न होते हैं – Puraina(Payagpur) News
बहराइच के विशेश्वरगंज क्षेत्र स्थित ग्राम सभा सुल्तानामाफी में चल रहे श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ के चौथे दिन मंगलवार को कथाव्यास पंडित प्रभाकर ओझा ने ध्रुव चरित्र की कथा सुनाई। पंडित ओझा ने ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि राजा उत्तानपाद के पुत्र ध्रुव अपनी सौतेली मां सूरुचि के तानों से दुखी होकर केवल पांच वर्ष की आयु में भगवान विष्णु की आराधना के लिए वन चले गए थे। उन्होंने कठोर तपस्या कर ध्रुव पद प्राप्त किया, जो अडिगता, भक्ति और दृढ़ संकल्प का प्रतीक है। कथाव्यास ने कहा कि ध्रुव की यह कथा हमें संदेश देती है कि सच्चे मन से की गई भक्ति और अटूट विश्वास से ईश्वर अवश्य प्रसन्न होते हैं। इस अवसर पर मुख्य यजमान ऊषा तिवारी, आयोजक अशोक तिवारी, विजय तिवारी और अजय तिवारी (पुत्रगण) उपस्थित रहे। यज्ञाचार्य अंकित तिवारी ने वैदिक मंत्रोच्चार से वातावरण को पवित्र किया। कथा स्थल पर सुमित, आर्यन, प्रिंस, कान्हा, अंश, सृष्टि सहित कई भक्तगण कथा श्रवण में लीन दिखे। कथा के समापन पर भजन कीर्तन और प्रसाद वितरण का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामवासी शामिल हुए।








