बलरामपुर में कॉमन रिव्यू मिशन (सीआरएम) टीम ने 4 दिवसीय स्वास्थ्य सेवा निरीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन को सौंपी और समीक्षा बैठक की। रिपोर्ट में मेडिकल कॉलेज के अधीन संयुक्त जिला चिकित्सालय और जिला मेमोरियल अस्पताल की व्यवस्थाओं को सबसे खराब बताया गया है, जबकि महिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) उतरौला को बेहतर पाया गया। कलेक्ट्रेट सभागार में हुई समीक्षा बैठक में टीम ने बताया कि संयुक्त जिला अस्पताल में पर्याप्त संसाधनों के बावजूद मरीजों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। साफ-सफाई, औषधि वितरण, डॉक्टरों की उपलब्धता और रोगियों की देखरेख में गंभीर लापरवाही सामने आई है। टीम ने यह भी कहा कि अस्पताल को मेडिकल कॉलेज के अधीन करने के बाद से व्यवस्थाओं में गिरावट आई है। इसी क्रम में, जिला मेमोरियल अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पचपेड़वा की व्यवस्थाएं भी असंतोषजनक पाई गईं। टीम ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि मरीजों को अपेक्षित सुविधाएं और उचित व्यवहार नहीं मिल रहा है, जिसे गंभीर चिंता का विषय बताया गया है। जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन ने बैठक के दौरान कहा कि सीआरएम टीम की रिपोर्ट अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने निर्देशित किया कि रिपोर्ट में उजागर की गई खामियों को प्राथमिकता के आधार पर सुधारा जाए। डीएम ने चेतावनी दी कि लापरवाही बरतने वाले किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बैठक में सीआरएम टीम के सदस्य एडीजी रघुराम राव, नसरैन खान, डॉ. रणवीर सिंह, डॉ. शिभीनाथ संदेश, डॉ. एजे फर्नाइसिस, डॉ. सुरभि यादव, मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हिमांशु गुप्ता और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मुकेश कुमार रस्तोगी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
संयुक्त जिला अस्पताल और मेमोरियल अस्पताल की व्यवस्थाएं बदतर:महिला अस्पताल, सीएचसी उतरौला अव्वल; CRM टीम ने सौंपी रिपोर्ट
बलरामपुर में कॉमन रिव्यू मिशन (सीआरएम) टीम ने 4 दिवसीय स्वास्थ्य सेवा निरीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन को सौंपी और समीक्षा बैठक की। रिपोर्ट में मेडिकल कॉलेज के अधीन संयुक्त जिला चिकित्सालय और जिला मेमोरियल अस्पताल की व्यवस्थाओं को सबसे खराब बताया गया है, जबकि महिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) उतरौला को बेहतर पाया गया। कलेक्ट्रेट सभागार में हुई समीक्षा बैठक में टीम ने बताया कि संयुक्त जिला अस्पताल में पर्याप्त संसाधनों के बावजूद मरीजों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। साफ-सफाई, औषधि वितरण, डॉक्टरों की उपलब्धता और रोगियों की देखरेख में गंभीर लापरवाही सामने आई है। टीम ने यह भी कहा कि अस्पताल को मेडिकल कॉलेज के अधीन करने के बाद से व्यवस्थाओं में गिरावट आई है। इसी क्रम में, जिला मेमोरियल अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पचपेड़वा की व्यवस्थाएं भी असंतोषजनक पाई गईं। टीम ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि मरीजों को अपेक्षित सुविधाएं और उचित व्यवहार नहीं मिल रहा है, जिसे गंभीर चिंता का विषय बताया गया है। जिलाधिकारी विपिन कुमार जैन ने बैठक के दौरान कहा कि सीआरएम टीम की रिपोर्ट अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने निर्देशित किया कि रिपोर्ट में उजागर की गई खामियों को प्राथमिकता के आधार पर सुधारा जाए। डीएम ने चेतावनी दी कि लापरवाही बरतने वाले किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बैठक में सीआरएम टीम के सदस्य एडीजी रघुराम राव, नसरैन खान, डॉ. रणवीर सिंह, डॉ. शिभीनाथ संदेश, डॉ. एजे फर्नाइसिस, डॉ. सुरभि यादव, मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हिमांशु गुप्ता और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मुकेश कुमार रस्तोगी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।









































