बलरामपुर में सिसई घाट पर उमड़ी भीड़:कार्तिक पूर्णिमा आज, देशभर में लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र नदियों में किया स्नान-दान

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आज कार्तिक पूर्णिमा का पर्व देशभर में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। हिन्दू धर्म में इस दिन का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है, जिसे धर्म की अधर्म पर विजय, प्रकाश के उत्सव और आत्मशुद्धि का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। इस विजय के उपलक्ष्य में देवताओं ने काशी नगरी में दीप जलाकर उत्सव मनाया था, जिसे अब ‘देव दिवाली’ के नाम से जाना जाता है। इसी कारण कार्तिक पूर्णिमा को ‘त्रिपुरारी पूर्णिमा’ भी कहा जाता है। इसके अतिरिक्त, यह दिन भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार के प्रकट दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। भक्तों का मानना है कि इस पवित्र अवसर पर स्नान, दान और ध्यान करने से पापों का नाश होता है और आत्मा को शुद्धि मिलती है। आज देशभर के प्रमुख तीर्थस्थलों जैसे वाराणसी, हरिद्वार, प्रयागराज और पुष्कर में लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा और अन्य पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान दीपदान और विशेष पूजा-अर्चना भी की गई। बलरामपुर में भी कार्तिक पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। सिसई घाट पर सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान-दान किया। यहां एक मेले का भी आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की भीड़ उमड़ी। इसी प्रकार, राजापुर भारिया जंगली नाथ महादेव मंदिर में भी मेले का आयोजन किया गया, जहां भक्तों ने पहुंचकर पूजा-अर्चना की। यह पर्व आस्था, भक्ति और प्रकाश का संगम है, जो लोगों को धार्मिक मूल्यों और सकारात्मकता की ओर प्रेरित करता है।
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