कतर्नियाघाट के इतिहास में पहली बार पर्यटकों को साल के हरे-भरे जंगल में प्रकृति का आनंद लेने का अवसर मिलेगा। देश-विदेश से आने वाले पर्यटक अब कतर्नियाघाट रेंज के अलावा निशानगाड़ा रेंज के ऊंचे साल वृक्षों वाले जंगल का दीदार कर सकेंगे। निशानगाड़ा रेंज के रूट नंबर चार पर पर्यटन आज से शुरू किया गया है। कतर्नियाघाट वन क्षेत्राधिकारी आशीष गौड़ और निशानगाड़ा वन क्षेत्राधिकारी सुरेंद्र श्रीवास्तव ने हरी झंडी दिखाकर जंगल सफारी के लिए जिप्सी को रवाना किया। खूबसूरत जंगल का अनुभव लखनऊ के दिनेश कुमार सिंह और नई दिल्ली से आए मेहमान, गाइड मोहम्मद अफज़ल के साथ पहले पर्यटक के रूप में जिप्सी में बैठकर साल के खूबसूरत जंगल का अनुभव किया। सफारी के दौरान पर्यटकों ने इस जंगल में विशेष रूप से पाए जाने वाले रंग-बिरंगे पक्षियों के साथ-साथ चीतल और पाढ़ा को भी करीब से देखा। निशानगाड़ा वन क्षेत्राधिकारी सुरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पर्यटक रेस्ट हाउस के पास बने वाच टावर से ग्रासलैंड में वन्यजीवों और विभिन्न प्रकार के पक्षियों का दीदार कर सकेंगे। इससे पहले, क्षेत्रीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट आशीष गौड़, क्षेत्रीय वनाधिकारी निशानगाड़ा सुरेंद्र श्रीवास्तव और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी दबीर हसन ने रूट संख्या 4 का निरीक्षण किया था। सफारी को हरी झंडी दी प्रभागीय वनाधिकारी की सहमति के बाद ही नए रूट पर सफारी को हरी झंडी दी गई। निशानगाड़ा जंगल के मुख्य आकर्षणों में रतहिया ताल, ग्रासलैंड, बंशक्ति ताल और तिगड़ा से रमपुरवा मार्ग शामिल हैं। इस जंगल में हाथी, तेंदुए, बाघ, हिरण, चीतल, पाढ़ा, बारहसिंघा और विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे पक्षियों की बहुलता है। प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि जो पर्यटक निशानगाड़ा रूट पर सफारी पर जाना चाहते हैं, उनके लिए सफारी वाहन कतर्नियाघाट टूरिज्म गेट पर उपलब्ध हैं। इसके लिए पर्यटकों को पूर्व निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त 1000 रुपए का भुगतान करना होगा।
मिहींपुरवा में पहली बार पर्यटकों को जंगल देखने का अवसर: साल के जंगल में ले सकेंगे सफारी का आनंद – Mihinpurwa Motipur News
कतर्नियाघाट के इतिहास में पहली बार पर्यटकों को साल के हरे-भरे जंगल में प्रकृति का आनंद लेने का अवसर मिलेगा। देश-विदेश से आने वाले पर्यटक अब कतर्नियाघाट रेंज के अलावा निशानगाड़ा रेंज के ऊंचे साल वृक्षों वाले जंगल का दीदार कर सकेंगे। निशानगाड़ा रेंज के रूट नंबर चार पर पर्यटन आज से शुरू किया गया है। कतर्नियाघाट वन क्षेत्राधिकारी आशीष गौड़ और निशानगाड़ा वन क्षेत्राधिकारी सुरेंद्र श्रीवास्तव ने हरी झंडी दिखाकर जंगल सफारी के लिए जिप्सी को रवाना किया। खूबसूरत जंगल का अनुभव लखनऊ के दिनेश कुमार सिंह और नई दिल्ली से आए मेहमान, गाइड मोहम्मद अफज़ल के साथ पहले पर्यटक के रूप में जिप्सी में बैठकर साल के खूबसूरत जंगल का अनुभव किया। सफारी के दौरान पर्यटकों ने इस जंगल में विशेष रूप से पाए जाने वाले रंग-बिरंगे पक्षियों के साथ-साथ चीतल और पाढ़ा को भी करीब से देखा। निशानगाड़ा वन क्षेत्राधिकारी सुरेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पर्यटक रेस्ट हाउस के पास बने वाच टावर से ग्रासलैंड में वन्यजीवों और विभिन्न प्रकार के पक्षियों का दीदार कर सकेंगे। इससे पहले, क्षेत्रीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट आशीष गौड़, क्षेत्रीय वनाधिकारी निशानगाड़ा सुरेंद्र श्रीवास्तव और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी दबीर हसन ने रूट संख्या 4 का निरीक्षण किया था। सफारी को हरी झंडी दी प्रभागीय वनाधिकारी की सहमति के बाद ही नए रूट पर सफारी को हरी झंडी दी गई। निशानगाड़ा जंगल के मुख्य आकर्षणों में रतहिया ताल, ग्रासलैंड, बंशक्ति ताल और तिगड़ा से रमपुरवा मार्ग शामिल हैं। इस जंगल में हाथी, तेंदुए, बाघ, हिरण, चीतल, पाढ़ा, बारहसिंघा और विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे पक्षियों की बहुलता है। प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि जो पर्यटक निशानगाड़ा रूट पर सफारी पर जाना चाहते हैं, उनके लिए सफारी वाहन कतर्नियाघाट टूरिज्म गेट पर उपलब्ध हैं। इसके लिए पर्यटकों को पूर्व निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त 1000 रुपए का भुगतान करना होगा।








































