सेवा भारती ने स्कूली बच्चों को किया जागरूक: बाल विवाह रोकने के लिए दिया सशक्त संदेश – Sonauli(Nautanwa) News

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सेवा भारती के तत्वावधान में शुक्रवार को नौतनवा विकास खंड के ग्राम सभा हरदी डाली स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय में एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत था, जिसमें बच्चों को बाल विवाह जैसी कुप्रथा के दुष्परिणामों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। मुख्य अतिथि नगर पालिका अध्यक्ष नौतनवा बृजेश मणि त्रिपाठी ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि बाल विवाह बच्चों का भविष्य छीन लेने वाली एक सामाजिक बुराई है। उन्होंने बताया कि इससे बच्चों का शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास बुरी तरह प्रभावित होता है। त्रिपाठी ने समाज से इस कुरीति के खिलाफ एकजुट होकर जागरूकता फैलाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सभी को मिलकर इस समस्या का समाधान करना होगा। विशिष्ट अतिथि और सेवा भारती के जिला उपाध्यक्ष किशोर मद्धेशिया ने बाल विवाह से जुड़े कानूनी प्रावधानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 28 सितंबर 1929 के शारदा अधिनियम में लड़कियों की विवाह योग्य आयु 14 वर्ष और लड़कों की 18 वर्ष निर्धारित की गई थी। वर्ष 1978 में इस अधिनियम में संशोधन किया गया, जिसके बाद लड़कियों की विवाह योग्य आयु 18 वर्ष और लड़कों की 21 वर्ष कर दी गई। बाद में, 2006 में बाल विवाह को पूरी तरह से दंडनीय अपराध घोषित कर दिया गया, जिसके लिए सख्त कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम प्रधान गोपाल नारायन चौधरी ने की। इस अवसर पर सहायक अध्यापक सुरेंद्र कुमार, सुदर्शन चंद, श्रीमती प्रेमलता, श्रीमती अर्चना, संगठन मंत्री संदीप सिंह सहित विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन सूरज ओझा ने किया।
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